आसिफ नईम/न्यूज-11 भारत
रांची: खेल महाकुंभ के रूप में हर साल खेले जाने वाला मुख्यमंत्री आमंत्रण फुटबॉल (महिला-पुरुष) टूर्नामेंट कोविड-19 के कारण नहीं खेला जा रहा है. सत्र 2019-20 के बाद से यह टूर्नामेंट नहीं हो पाया है. लगभग एक महीने तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में 19-20 में एक लाख से ज्यादा खिलाड़ियों ने भाग लिये थे. इस खेल महाकुंभ में सरकार करोड़ो रुपये खिलाड़ियों के पीछे खर्च करती है. पंचायत, प्रखंड व जिला के टूर्नामेंट नॉकआउट आधार पर खेले जाते हैं. वहीं, जोनल और राज्यस्तरीय लीग-कम नॉकआउट आधार पर खेली जाती है. पंचायत से लेकर राज्य स्तर के विजेता और उपविजेता टीम को लाखों रुपये देकर सम्मानित किया जाता है.
2021-22 में टूर्नामेंट कराने को लेकर प्लान बनाया जा रहा
कोविड-19 के कारण पिछले 2 साल से नहीं हो रहे टूर्नामेंट सत्र 2021-22 में कराने को लेकर खेल निदेशालय ने प्लान बनाना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार इस टूर्नामेंट के लिए 6 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई गई है. बस सरकार से हरी झंडी मिलते ही इसपर अमलीजामा पहना दिया जायेगा. मुख्यमंत्री कप फुटबॉल टूर्नामेंट कराने का मकसद गांव के अंदर छुपी हुई प्रतिभा को सामने लाने का है.
1,56,168 खिलाड़ियों ने भाग लिया था
कला संस्कृति खेलकूद युवा कार्य विभाग द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री कप फुटबॉल टूर्नामेंट खिलाड़ियों व टीमों की संख्या के हिसाब से विश्व के चोटी के टूर्नामेंटों में शामिल हो चुका है. सत्र 2019-20 के टूर्नामेंट में राज्य की 4,338 पंचायतों की 8,676 टीमों के 1,56,168 खिलाड़ियों ने भाग लिया था. हालांकि यह रजिस्टर्ड टूर्नामेंट नहीं था, इस कारण यह रिकॉर्ड बुक में शामिल नहीं हो पाया.
गिनीज बुक में है मैक्सिको का नाम
मैक्सिको में आयोजित कोपा टेलमैक्स टेलसेल चैंपियनशिप (2016) का नाम गिनीज बुक में सबसे बड़े टूर्नामेंट के रूप में दर्ज है. इस टूर्नामेंट में 2,23,157 खिलाड़ी 13,486 टीमों की ओर से खेले थे. यह टूर्नामेंट एक मई 2016 से सात फरवरी 2017 तक चला था.