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रांची: पिछले कई दिनों से झारखंड में चिकित्सकों का प्रदर्शन चल रहा था. वजह थी लगातार आए दिन डॉक्टरों पर मरीज के परिजनों द्वारा हिंसा करना. इसे लेकर राज्य के सभी चिकित्सक सरकार से सुरक्षा की मांग कर रहे थे जिसे लेकर हेमंत सरकार ने मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट पर अंतत: मुहर लगा दी.
बता दें इस एक्ट में अस्पतालों पर हमला करनेवालों को दो साल की सजा का प्रावधान व जुर्माना शमिल है. इस एक्ट को मंत्रिपरिषद की बैठक में बुधवार को झारखंड मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई. बता दें इस एक्ट में चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों और संस्थानों को हिंसा एवं संपत्ति के नुकसान से बचाने के लिए तैयार विधयेक में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा की बात कही गई है.
जिसके तहत राज्य में स्थित किसी भी चिकित्सा सेवा से जुड़े कर्मियों और संस्थानों के खिलाफ किसी तरह की हिंसा और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर झारखंड की सरकार ठोस कार्रवाई करेगी. मालूम हों कि इस कार्रवाई के तहत अधिकतम दो वर्ष की सजा और पचास हजार रुपए का जुर्माना लगेगा. वहीं इसके लिए राज्य सरकार ‘झारखंड चिकित्सा सेवा से संबंद्ध व्यक्तियों, चिकित्सा सेवा संस्थान (हिंसा एवं संपत्ति नुकसान निवारण) विधेयक 2023’ को विधानसभा से पारित कराएगी.
साथ ही ट्रायल सक्षम स्तर के न्यायालय के द्वारा किया जाएगा. वहीं अपराधी व्यक्ति को निजी चिकित्सा संस्थान की संपत्ति के नुकसान की भरपाई के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में लागत मूल्य की राशि का भुगतान करना होगा. इस राशि को न्यायालय द्वारा तय किया जाएगा. बता दें बुधवार को हुई बैठक में झारखंड चिकित्सा सेवा से संबद्ध व्यक्तियों और संस्थानों को हिंसा एवं संपत्ति के नुकसान से बचाने के लिए तैयार विधयेक में चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा की बात कही गई है एवं इसके साथ ही 40 प्रस्तावों पर स्वीकृति दी गयी है. वहीं मेडिकल प्रोटैक्शन एक्ट को विधेयक के रूप में सदन में पेश किया जाएगा.
यहां से स्वीकृति मिलने के बाद ये एक्ट कानून का रूप ले लेगा. इसके अनुसार चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों अथवा संस्थानों को नुकसान पहुंचानेवाले लोगों को कार्रवाई के दायरे में लाया जाएगा. वहीं इस मामले में जांच डीएसपी स्तर से कम के अधिकारी नहीं कर सकेंगे. संस्थानों को हुई आर्थिक क्षति की भरपाई का प्रावधान भी इस कानून में होगा. बता दें इस एक्ट के लिए राज्य सरकार ने कर्नाटक, ओडिशा, केरल, गोवा, महाराष्ट्र, बिहार में पहले से लागू कानून का अध्ययन भी किया है.
इस बैठक में अन्य प्रस्तावों पर भी मुहर लगे इसमें होल्डिंग टैक्स निर्धारण, नगर निकाय चुनाव, बिजली बिल उपभोक्ताओं को आर्थिक राहत देने और राज्य के श्रेष्ठ एवं बेहतरीन अस्वस्थ व वृद्ध कलाकारों का मानदेय बढ़ोतरी करना शामिल हैं. बता दें कैबिनेट की बैठक में होल्डिंग टैक्स कम करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई. मालूम हो कि राज्य के कई नगरों में होल्डिंग टैक्स को लेकर विरोध चल रहा था, जिसपर इसमें सुधार का निर्णय लिया गया है. इस निर्णय के अनुसार जहां होल्डिंग दर में बढ़ोतरी हुई थी, वहां अधिक कमी भी की गई है.
हालांकि इस पूरी प्रक्रिया के उपरांत राज्य में राजस्व पर लगभग 20 प्रतिशत का असर पड़ेगा. जिसें अनुसार रांची में लोगों को होल्डिंग टैक्स पहले से 20 प्रतिशत तक कम देने पड़ेंगे तो कुछ शहरों में यह 30 प्रतिशत तक हो सकता है. वहीं इस मामले में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि पूरे प्रमंडल के नगरीय क्षेत्रों में होल्डिंग टैक्स का औसत निकालकर लोगों से वसूला जाएगा. बतातें चलें कैबिनेट में कुल 40 प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई जिसमें कई प्रमुख सड़कों से संबंधित प्रस्ताव भी शामिल हैं.