रांची : रांची यूनिवर्सिटी में पास स्टूडेंट्स को फेल करने के लिए एमबीबीएस की कापियां एक कमरे से दूसरे कमरे में पहुंचते ही गायब हो जाती हैं. इस तरह पास स्टूडेंट्स को फेल कर दिया जाता है. यह आरोप रांची यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस फाइनल ईयर की दो छात्राओं ने लगाया है. दरअसल फाइनल परीक्षा में शामिल इन दोनों छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाएं दो कमरों के बीच में गायब हो गई. वह भी तब जब दोनों कमरों के बीच की दूरी महज 10 मीटर है. इस संबंध में कर्मचारी रहमान वीसी प्रो. कामिनी कुमार समेत अन्य अधिकारियों के समक्ष कह चुका है कि परीक्षा नियंत्रक के हाथ में कॉपियां दी थी. वहीं, परीक्षा नियंत्रक आशीष कुमार झा का कहना है कि कर्मचारी ने कॉपी नहीं दी. मजेदार बात तो यह है कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोतवाली थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है.
आरटीआई में देखा तो फेल नहीं, पास थी
दोनों छात्राओं का कहना है कि एमबीबीएस फाइनल ईयर की परीक्षा का रिजल्ट इस वर्ष 25 जुलाई को आया तो दोनों को एक-एक पेपर में फेल बताया गया. मगर जब आरटीआई के जरिए उत्तर पुस्तिका देखीं तो उसमें पास थी. छात्रा अलबीणा एक्का ने बताया कि 28 जुलाई को आरटीआई के तहत सर्जरी पेपर-1 के लिए आवेदन करने पर 22 अगस्त को कॉपी मिली. उसमें कुल 22 अंक थे, मगर फिर से फिर से जोड़ें तो यह बढ़कर 30.5 अंक हो गया. यानी पहले 8.5 अंक कम थे. उसी प्रकार नीलू कुमारी ने आरटीआई के तहत सर्जरी पेपर-2 की कॉपी देखी तो 24 अंक मिले थे. मगर इसे दोबारा जोड़ा तो 30.5 अंक मिले मतलब पहले 6.5 अंक कम दिए गए.
करियर पर पड़ रहा असर, करूंगी एससी-एसटी आयोग में शिकायत
दोनों छात्राओं ने बताया कि इंटरनल परीक्षा में पास होने के बाद भी विवि के अधिकारी फेल बताया. जबकि, पास करने का साक्ष्य है. फाइनल ईयर में पास करने के बाद भी फेल कर दिए जाने से सीधा असर करियर पर पड़ रहा है. इंटर्नशिप से वंचित हैं, तो छात्रवृत्ति भी नहीं मिल रही. ऐसे में अगर जल्द न्याय नहीं मिला तो एससी-एसटी आयोग में शिकायत करुंगी.