न्यूज11 भारत
रांचीः तुर्की और सीरिया में आए भूकंप ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दी है. 7.8 की तीव्रता से तुर्की और पड़ोसी देश सीरिया में आए भूकंप ने हजारों लोगों की जिदंगी पलभर में ली. इस आपदा से दोनों देशों में अबतक 4 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, बड़ी संख्या में अभी भी लोग मलबों में दबे हुए है और घायल हैं. देश के हजारों बड़ी-बड़ी और ऊंची इमारतों को भारी नुकसान भी पहुंचा है. रिपोर्ट्स के मुताबित करीब बड़ी-बड़ीं इमारतें 5600 जमींदोज हो गई है जिसकी मलबे में अब भी लोग दबे हुए है जिन्हें बचाने का कार्य जारी है
भारत समेत दुनिया के कई देशों ने दिया मदद का भरोसा
इधर, इस प्रकृतिक आपदा में फंसे लोगों के बचाव कार्य को लेकर भारत समेत दुनिया के कई देशों ने अपने हाथ आगे बढ़ाए है. साथ ही इस मुश्किल घड़ी में मदद का भरोसा दिया है. भारत ने तुर्की के लिए मदद भी भेजी है. भारत ने तुर्की में राहत और बचाव कार्य के लिए अपनी तरफ से एनडीआरएफ की टीम को भेज दिया है इसके लिए भारत के गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट से टीम तुर्की के लिए रवाना हो गई है.
राष्ट्रपति ने कहा- सदी का सबसे बड़ा आपदा
भूकंप से हुई इस तबाही को तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान ने सदी की सबसे बड़ी आपदा बताया है. इसे लेकर राष्ट्रपति ने देश में 7 दिनों तक के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है. इस बीच देश का राष्ट्रीय झंडा आधा झुका रहेगा. इस मुश्किल घड़ी में तुर्की को अपने पुराने दुश्मन देशों का भी साथ मिल रहा है. पिछले कई सालों से सीमा विवाद के बावजूद ग्रीस ने तुर्की को अपना मदद देने का भरोसा दिया है. इसके अलावा इस्लामिक सहयोग संगठन, नाटो ने भी इस आपदा में तुर्की के लोगों के प्रति संवेदना जताते हुए मदद की पेशकश की है.
सो रहा था पूरा देश, अचानक आया भूकंप का काल
6 फरवरी की सुबह जब पूरा देश सो रहा था तुर्की और सीरिया में भूकंप के इतने तेज झटके आए कि पूरा देश कांप उठा. इतना ही नहीं ऊंची-ऊंची इमारते पलभर में ताश के पत्तों की तरह सिमटकर रह गई. शहर के बड़े-बड़े इमारत खंडहर के रुप में बदल गए. इस प्रकृतिक आपदा में अबतक करीब 4000 लोगों की मौत हो चुकी है. मौत के आंकड़ों के और बढ़ने की आशंका है. इस प्रकृति आपदा में कई लोगों ने अपनी आंखों के सामने अपनों को खोते हुए देखा. किसी ने अपने पूरे परिवार को अपनी आंखों के सामने खत्म होते हुए देखा तो किसी ने अपने बेहद करीबी को खो दिया.
रेत के टीलों की तरह बिखरी ऊंची इमारतें
करीब 100 साल बाद भूकंप ने तुर्की में तबाही मचाई है. तुर्की में आए भूकंप ने पलक झपकते ही ऊंची-ऊंची इमारतों को जमींदोज कर दिया. कई वीडियों भी सामने आए है जिसमें भूकंप आने के सिर्फ 5 सेकंड बाद ही सानलुर्फा शहर की बहुमंजिला इमारत भर-भराकर जमींदोज हो गई. वहीं, मल्टीस्टोरी इमारत का मलबा एक ट्रांसफार्मर पर जा गिरा, और देखते ही देखते बिजली के खंबे जमीन पर गिर पड़ा. मिली जानकारी के अनुसार, तुर्की में आए भूकंप से सबसे ज्यादा तबाही दियारबकिर शहर में मची. यहां भूकंप इतना तेज था कि मजबूत इमारतें भी रेत के टीलों की तरह बिखर गईं.
देश के 10 शहरों में सबसे ज्यादा असर
भूकंप का सबसे ज्यादा असर देश के 10 शहरों में हुआ है जिसमें कहमानमारश, हैटे, गाज़िएनटेप, ओस्मानिये, अदियामान, सनलिउर्फ़ा, मलेटिया, अदाना, दियारबाकिएर और किलिस पर पड़ा है, जबकि सीरिया के अलेप्पो, लटाकिया, हामा और टार्टस में भी भूकंप के कारण भीषण तबाही मची है.
बचाव कार्य में साथ नहीं दे रहा मौसम
तुर्की और सीरिया में आए भयावाह भूकंप में रेस्क्यू ऑपरेशन बड़ी चुनौती बना हुआ है. लोगों ने हौसला बनाए हुए रखा है, कि अपनों को इस आपदा के चपेट से बाहर निकाल लेंगे. लेकिन मौसम इस काम में उनका साथ नहीं दे रहा. कई इलाकों में लगातार बर्फबारी होती जा रही है, जिससे इलाके में ठंड बढ़ती ही जा रही है. अस्पतालों में भी लोग भरे पड़े हैं. लोग यह भी सोच रहे की जो इमारतें बच गईं, उनका भी कोई भरोसा नहीं कि वह कब गिर जाएं.