न्यूज 11 भारत
रांचीः झारखंड के सबसे चर्चित अस्पताल पल्स हॉस्पिटल के दस्तावेज अपर समाहर्ता कार्यालय से ही गायब हो गये हैं. रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने 48 घंटे में शिकायत की मूल प्रति और जांच रिपोर्ट अपर समाहर्ता कार्यालय से मांगे थे. इसकी खोज में जुटे अफसरों की टीम से लेकर कर्मियों की टीम को यह रिपोर्ट नहीं मिली. सूत्रों का कहना है कि तत्कालीन अपर समापर्ता सत्येंद्र कुमार के समय जांच रिपोर्ट कराने की बात की जा रही है. यदि जांच की गयी होती, तो इसके दस्तावेज भी होते. पर जांच से संबंधित दस्तावेज भी नहीं मिल रहे हैं. तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे की तरफ से मौखिक आदेश के बाद जांच हुई थी.
खाता संख्या 162 की है पल्स हॉस्पिटल की भूईहंरी जमीन
इसमें शिकायतकर्ता की ओर से भुंईहरी जमीन में अस्पताल बनाने की शिकायत की गयी थी. अभिषेक झा और अमिता झा के नाम पर बड़गाई मौजा की 38 डिसमिल जमीन ली गयी थी. यह पूरी तरह आदिवासी नेचर की जमीन है. इसको लेकर ही अभी रांची जिला प्रशासन समेत अन्य अधिकारी हलकान हैं. जानकारी के अनुसार आदिवासी जमीन वह भी भूईहरी जमीन की न तो रसीद कटती है और न ही रजीस्ट्री होती है. लेकिन पल्स अस्पताल के मामले में छोटानागपुरी काश्तकारी अधिनियम की धारा के नियमों को ताक पर रख कर आदिवासी जमीन हथिया ली गयी. बड़गाई मौजा के थाना नंबर 192, खाता संख्या 162, खेसरा 1248 की 33 डिसमील भूंईहरी जमीन में से तीन कट्ठा जमीन की रसीद अरुण कुमार जैन के नाम से 30 मार्च 2019 को कटायी गयी थी. पेज नंबर 116, रसीद संख्या 0874881239 के नाम से रसीद काटी गयी थी. बाद में जमीन मालिक के मूल रैयत की तरफ से बड़गाई अंचल में मामला दर्ज कराया गया था. इसके बाद ही अंचल कार्यालय की ओऱ से 1120 ऑऱ् 2017-18 केस संख्या में निरीक्षण रिपोर्ट के बाद तत्कालीन अंचल अधिकारी विनोद प्रजापति ने भूंईहरी खाते की जमीन को सरकार में निहि नहीं मानते हुए दाखिल-खारिज को रीजेक्ट कर दिया था. दो अप्रैल को सरना स्त्रोत संगम के सचिव राजेश मुंडा ने दो अप्रैल 2019 को मुख्यमंत्री जनसंवाद केंद्र में शिकायत भी की थी. पर मामले को लटका दिया गया. उसके बाद से जमीन के दस्तावेज भी गायब हो गये हैं.