Wednesday, Apr 24 2024 | Time 04:04 Hrs(IST)
 logo img
NEWS11 स्पेशल


रजिस्ट्री कार्यालय में नियम विरुद्ध बन रहा मैरिज सर्टिफिकेट, जानें झारखंड में किसे है रजिस्ट्रेशन का अधिकार

रजिस्ट्री कार्यालय में नियम विरुद्ध बन रहा मैरिज सर्टिफिकेट, जानें झारखंड में किसे है रजिस्ट्रेशन का अधिकार
सरफराज कुरैशी/न्यूज 11 भारत




रांची: राजधानी के जिला अवर निबंधक कार्यालय यानि रजिस्ट्री कार्यालय से नियम विरुद्ध यानि गलत तरीके से मैरिज सर्टिफिकेट जारी किया जा रहा है. चौंकिए मत…यह सच है. मजेदार बात तो यह है कि अधिकार नहीं रहने के बावजूद रजिस्ट्रार के द्वारा मैरिज का रजिस्ट्रेशन कर सर्टिफिकेट दिया जा रहा है. जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रार  विभागीय नोटिफिकेशन जनवरी 2003 के तहत मैरिज सर्टिफिकेट इश्यू कर रहे हैं. जबकि, यह अधिकार शहरी क्षेत्र में नगर निकाय और पंचायतों में पंचायत सचिव को प्राप्त है. इसके बावजूद रजिस्ट्रार के द्वारा मैरिज का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है. अब इस मामले में जिला सांख्यिकी पदाधिकारी सह अपर मुख्य विवाह निबंधक विमल कुमार ने जिला अवर निबंधक रांची को पत्र लिखकर मैरिज रजिस्ट्रेशन के संबंध में जानकारी दी है. दरअसल करीब एक साल पहले ही शहरी व ग्रामीण इलाकों के लिए मैरिज रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी जन्म-मृत्यु का निबंधन करने वाले पदाधिकारी को दी जा चुकी है.

 

क्या है विभागीय आदेश

 

राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग झारखंड की ओर से जारी अधिसूचना संख्या-642 (दिनांक-6.10.2018) के द्वारा झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन अधिनियम 2017 की नियमावली का गठन किया गया है. जिसका क्षेत्र संपूर्ण झारखंड राज्य है और यह नियमावली झारखंड अनिवार्य विवाह निबंधन नियमावाली-2018 कही जाएगी.

 


 

शहरी क्षेत्र – इस अधिनियम की कंडिका 3 में विवाह निबंधन पदाधिकारी व क्षेत्राधिकार के संबंध में स्पष्ट है कि शहरी क्षेत्रो में अनिवार्य निबंधन का कार्य स्थानीय शहरी निकाय, अधिसूचित क्षेत्र समिति, नगर परिषद व नगर पंचायत के जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करने वाले पदाधिकारी के द्वारा किया जाएगा. जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए जो क्षेत्र निर्धारित है, वहीं क्षेत्र विवाह निबंधन के लिए भी होगा.

 

ग्रामीण क्षेत्र – ग्रामीण क्षेत्र में अनिवार्य विवाह निबंधन का कार्य उन पदाधिकारियों के द्वारा संपादित होना है जो जन्म एवं मृत्यु का रजिस्ट्रेशन करते हैं. विवाह निबंधन भी वे जन्म-मृत्यु निबंधन के लिए निर्धारित क्षेत्र के अनुसार करेंगे.

 

फरवरी 2021 में ही दिया गया था प्रशिक्षण

 

रांची जिले के शहरी क्षेत्र में नगर निगम और ग्रामीण क्षेत्र में प्रखंड मुख्यालय में पंचायत सचिव निबंधन करेंगे इससे संबंधित आदेश 29.01.2021 को ही रांची डीसी सह मुख्य विवाह निबंधक छवि रंजन ने दिया था. इसके तहत रांची नगर निगम, नगर पंचायत बुंडू और सभी पंचायत सचिवों से कहा था कि वे विभागीय आदेश के अनुसार विवाह का रजिस्ट्रेशन करें. पहले अवर निबंधन कार्यालय में शादी के निबंधन का आवेदन ऑफलाइन और फीस ऑनलाइन जमा होता था. मगर नई व्यवस्था के तहत आवेदन से लेकर फीस भरने तक की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है. आवेदक को ई-निबंधन पोर्टल, प्रज्ञा केंद्र या सरकार की अधिकृत एजेंसी के माध्यम से आवेदन करना होता है. रांची जिला में यह व्यवस्था लागू करने के लिए 5.2.2021 को प्रशिक्षण दिया गया था. जिसके बाद से विवाह निबंधन का कार्य जारी है.

 

50 रु. देना है निबंधन शुल्क

 

अनिवार्य विवाह निबंधन का रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपए निर्धारित है. निर्धारित अवधि में निबंधन नहीं कराने वालों से पांच रुपए प्रतिदिन के हिसाब से विलंब शुल्क लेना है यह 100 रुपए तक ही लिया जा सकता है. शादी का सर्टिफिकेट खो जाने पर उसे दोबारा जारी करने के लिए 10 रुपए प्रतिवर्ष की दर से देने होंगे. वहीं, शादी के सर्टिफिकेट की प्रमाणित कॉपी लेने की दर 50 रुपए निर्धारित है. 

 

ऑनलाइन जारी होगा सर्टिफिकेट

 

अनिवार्य विवाह निबंधन के तहत पति-पत्नी का ज्वाइंट फोटो, नाम, आधार नंबर, दोनों के माता-पिता के नाम व आधार नंबर, पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल आईडी, जन्मतिथि, शादी की तिथि व स्थान और शादी कार्ड देने होंगे. सर्टिफिकेट जारी करने से पहले आवेदक की उम्र, पहचान, निवास स्थान, मुखिया-वार्ड पार्षद से जारी सर्टिफिकेट की जांच भी होगी. सभी दस्तावेज सही पाए जाने के बाद दोनों पक्षकारों और तीन गवाहों का फोटो लेने के बाद ऑनलाइन ही सर्टिफिकेट जारी करने का प्रावधान है.
अधिक खबरें
महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा से खास बातचीत, बेबाकी से रखी अपनी बात
अप्रैल 05, 2024 | 05 Apr 2024 | 9:36 AM

पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने अपने आवास ऋषभ वाटिका में हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की राजनीति के अलावे देश के बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कहा कि 1984 में भले ही हजारीबाग संसदीय क्षेत्र की जनता ने मुझे महज 10 हुजार 727 वोट दिया लेकिन मुझे इन वोटों के साथ एक निर्वाचन क्षेत्र मिल गया. मैं जब चाहूं हजारीबाग में भाजपा को दो फाड़ कर सकता हूं. इन 40 वर्षों के अपने इ

महुआ बन रहा ग्रामीणों के आर्थिक संरचना का आधार: बिचौलियों के कारण नहीं मिल रहा ग्रामीणों को उचित मूल्य
मार्च 28, 2024 | 28 Mar 2024 | 11:25 AM

झारखण्ड के दक्षिणी छोर पर बसे सिमडेगा की मुख्य आर्थिक संरचना वन उत्पादों पर आधारित है. कल कारखानों से रहित इस जिले मे मुख्य जीविका वनो से निकली उत्पादो पर ही अधारित हैं इन मे से सबसे महत्वपुर्ण उत्पाद महुआ है.

Summer Vacation: अगर आप भी गर्मी में कर रहे है घूमने का प्लान तो जरूर विजिट करें देश की ये बेस्ट जगहें
मार्च 18, 2024 | 18 Mar 2024 | 1:20 AM

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहां हर मौसम में घूमने के लिए जगह बदल जाती है. अब लोगों को लगभग लगभग ठंड से राहत मिल गयी है. वहीं अब गर्मी का मौसम आने वाला ही है. ऐसे में लोग अभी से ही गर्मियों की छुट्टी में घूमने का प्लान बना लेते है. अगर आप भी घूमने का प्लान बना

महिलाओं को सफर में नहीं लेना होगा टेंशन क्योंकि अब साथ है 'मेरी सहेली'
मार्च 15, 2024 | 15 Mar 2024 | 3:21 AM

दिन-ब-दिन महिलाओं के साथ अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं. ट्रेन हो या चाहे बस कहीं भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है. ऐसे में सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई तरह की योजना लाई जाती है. मेरी सहेली योजना भी एक ऐसी योजना है, जिसमें महिलाओं को यात्रा के समय सुविधाएं दी जाती है.