न्यूज11 भारत
रांचीः 9 जून को चुनावी सिंबॉल एलॉट होते ही 10 जून से बंधु तिर्की अपनी बेटी को लेकर मांडर उपचुनाव की चुनावी रण में कूद गए हैं. रांची शहर के माहौल से दूर दोनों पिता-पुत्री ने मांडर क्षेत्र में अपना ध्यान केंद्रीत कर दिया है. सुबह छह बजे के करीब दोनों बनहौरा स्थित अपने आवास से कूच कर जाते हैं. 7 से बजे से 8 बजे के बीच दोनों अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंच जाते हैं. बड़ी-बड़ी मीटिंग ना करके छोटे-छोटे नुक्कड़ सभा, जनसंपर्क और व्यक्तिगत तौर पर वोटरों से मिलने को अधिक महत्व दे रहे हैं.
हर दिन 50 से अधिक नुक्कड़सभा और हजारों लोगों से डोर टू डोर मिल रहे हैं
मिली जानकारी के अनुसार पिता-पुत्री दोंनो अपने समर्थकों के साथ हर दिन 50 से अधिक छोटी-छोटी नुक्कड़ सभा और डोर टू डोर जनसंपर्क के जरिए कम से कम हजारों लोगों से मिले रहे हैं. इस दौरान बंधु तिर्की सबसे पहले अपने बेटी का परिचय कराते हैं, दुआ-सलाम होता है. फिर बैठकर चाय भी पीते हैं. इसके बाद चुनावी चर्चा शुरू होती है.
ये भी पढ़ें- रांची में निषेधाज्ञा वाले इलाकों में रविवार को भी दिख रहा है बंद जैसा असर
जनता को बंधु बता रहे हैं कि उन्हें कैसे फंसाया गया
इस दौरान बंधु तिर्की न केवल जनता से अपने बेटी के लिए समर्थन मांगते हैं बल्कि यह भी बताते हैं कि कैसे उनके विरोधियों ने उन्हें फंसा कर विधायकी छीन ली. जनता को यह भी बताया जाता है कि उनके विरोधी यह नहीं चाहते हैं कि आदिवासी-मूलवासी, अल्पसंख्यकों और ग्रामीण मजदूरों की आवाज सदन में गूंजे. जनता को लुभाने के लिए बंधु तिर्की पूरी तरह से इमोशनली अपने तरफ करने का प्रयास करते हैं. अपने क्षेत्र के बड़े-बुजुर्गों का हाथ अपनी बेटी पर रखवाते हैं और आर्शीवाद दिलावते हैं.