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कोडरमा: जिला स्थित चंदवारा थाना क्षेत्र के 22 वर्षीय युवक को कोडरमा रेलवे स्टेशन से अगवा कर लिया गया. जिसके बाद युवक को मरकच्चो थाना क्षेत्र के कर्बला नगर स्थित मस्जिद ले जाया गया, जहां एक 19 वर्षीय युवती के साथ उसकी निकाह कराने का मामला सामने आया है. बताया जा रहा है कि मरकच्चो दक्षिणी पंचायत के स्थानीय मुखिया दिवाकर तिवारी की पहल पर निकाह करवाया गया है.
वहीं, निकाह करवाए गए युवक मुईन आलम चंदवारा थाना क्षेत्र का रहने वाला है. उसकी माता शमा खातून ने बताया कि मुईन आलम हैदराबाद से घर आने के लिए पुरुषोत्तम एक्सप्रेस से कोडरमा रेलवे स्टेशन पर उतरा था. इसी दौरान मरकच्चो थाना क्षेत्र के मेहतरिया आहरी की रहने वाली तरन्नुम परवीन और वहां के मुखिया दिवाकर तिवारी व अन्य कुछ लोगों ने एक प्लानिंग के तहत मुईन आलम को जबरन पकड़कर उसे एक चार पहिया वाहन में बिठाकर मेहतरिया आहरी ले गए.
वहां, कई घंटों तक युवती के साथ निकाह करने का दबाव दिया गया लेकिन जब मुईन ने निकाह करने से इनकार कर दिया तो लगभग दस घंटे बीतने के बाद मरकच्चो थाना प्रभारी संजय कुमार शर्मा को सौंप दिया गया. वहीं, युवक की मां ने यह भी बताया की मेरे बेटे को अगवा कर लेने के बाद वहां के मुखिया दिवाकर तिवारी ने मुझे फोन पर संपर्क कर कहा कि तुम्हारा बेटा मुईन एक लड़की के साथ पकड़ा गया है. इसलिए तुम रविवार को मरकच्चो मेहतरिया आहरी आकर फैसला करवालो और यह बात सुनकर जब युवक की मां अपने ग्रामीणों के सहयोग से मरकच्चो पहुंची तो उसका बेटा नहीं मिला. जिसके बाद मुईन की मां मरकच्चो थाना पहुंची, तो देखी उसका बेटा थाना में है. वहीं, ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मुखिया दिवाकर तिवारी के पहल पर मरकच्चो थाना भवन से महज करीब एक किलोमीटर दूरी स्थित कर्बला नगर मस्जिद में मौलाना मिन्हाज के द्वारा युवक और युवती को बालिक बताते हुए दोनों का निकाह करवा दिया गया.
6 महीने पहले युवती को नाबालिग बता एक युवक को भेजा गया था जेल
वहीं, दूसरी ओर इसी मरकच्चो थाना क्षेत्र के महुवाटांड के ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी अनुसार युवती तरन्नुम परवीन द्वारा दिनांक 18-4-21 को महुवाटांड़ के मो. इस्तियाक आलम, पिता- अब्बास मियां के ऊपर मरकच्चो थाना कांड संख्या 24/21 के तहत युवती ने अपनी उम्र करीब 16 वर्ष बताते हुए पोक्सो एक्ट लगवाकर मो. इस्तियाक को जेल भेजवाई थी, जो न्यायालय कोडरमा में आज भी चल रहा है और उक्त युवक लगभग पांच महीने के करीब जेल में रहने के बाद बेल करवाकर घर लौटा है. ताज्जुब की बात यह है कि लगभग छह महीने बीतने के बाद उक्त मामले के सामने आने के बाद उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय मेहतरिया आहरी मरकच्चो का स्कूल सर्टिफिकेट मरकच्चो थाना में प्रस्तुत कर तरन्नुम परवीन का जन्म 8-12-2002 दिखाते हुए उसे 19 वर्षीय बालिक युवती बताया गया है और उसकी निकाह भी करवाई जाती है. अब सवाल यह है की आखिर जब इसी युवती को नाबालिग बताते हुए मरकच्चो पुलिस प्रसाशन द्वारा मो. इस्तियाक को बगैर युवती की उम्र की उचित जांच पड़ताल किए बिना पोक्सो एक्ट में जेल भेज दिया जाता है, तो पुलिस प्रसाशन पर लोग कैसे भरोसा करेंगे और उन्हें इंसाफ कहा और कैसे मिलेगा?