न्यूज 11 भारत
रांची: पारसनाथ के सम्मेद शिखर पर दावे को लेकर प्रदर्शन शुरू हो गया है. आज मंगलवार को आदिवासी सेंगल अभियान और झारखंड बचाओ मोर्चा द्वारा धरना-प्रदर्शन के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इस आयोजन में पांच राज्यों के आदिवासी समुदाय के लोग जुट रहे है. इसमें पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों से संताल समाज के लोग शामिल होंगे. प्रदर्शन के लिए महाजुटान पारसनाथ स्थित मधुबन में सुबह से ही हो रहा है. सेंगल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद सालखन मुर्मू का कहना है कि पारसनाथ पहाड़ी संथाल आदिवासियों का तीर्थ स्थल है. पहाड़ी पर आदिवासियों का मरांगबुरू पूजा स्थल है. यह स्थान आदिवासियों का है. इसलिए झारखंड सरकार तत्काल उसे आदिवासियों का तीर्थ स्थल घोषित करे. जैन धर्मियों का तीर्थ स्थल बना देने और पयर्टन गतिविधियों पर रोक लगा देने भर से इसका हल निकलने वाला नहीं है.
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आदिवासियों के महाजुटान को देखते हुए पारसनाथ पहाड़ के आसपास की दुकानें को बंद कराया गया है. सभा स्थल पर नारेबाजी करते हुए लोग सुबह से ही पहुंच रहे हैं. पहाड़ सहित आसपास के पूरे इलाके में पुलिस बल की विशेष तैनाती की गई है. झारखंड के आदिवासी संताल समुदाय ने दावा किया है कि पूरा पहाड़ उनका है. यह उनका मरांग बुरु यानी बूढ़ा पहाड़ है. ये उनकी आस्था का केंद्र है. यहां वे हर साल आषाढ़ी पूजा में सफेद मुर्गे की बलि देते हैं. इसके साथ छेड़छाड़ उन्हें मंजूर नहीं होगी. संताल समाज के कई संगठन इस आंदोलन का हिस्सा हैं.