सभी जिलों के सहायक आयुक्तों से कहा कि वे रीटेलरों के माध्यम से शत-प्रतिशत उठाव सुनिश्चित करायें
प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी सरकार की है नजर
दीपक, न्यूज11, भारत
रांची: झारखंड में नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद शराब की बिक्री लगातार कम होने लगी है. इसको लेकर संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र कुमार सिंह दनादन वैसे जिलों पर फायर कर रहे हैं, जो मिनिमम गारंटी रेवेन्यू (न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व) के तहत काफी खराब प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार की मानें तो रांची, सिमडेगा, पलामू और जामताड़ा जिले में खुदरा दुकानों में शराब का उठाव कम पाया गया. यहां पर शराब का उठाव चिंताजनक पाया गया. संयुक्त उत्पाद आयुक्त ने रांची, सिमडेगा, गुमला, गढ़वा, लातेहार, पलामू, जामताड़ा, पाकुड़, देवघर, पश्चिमी सिंहभूम और कोडरमा जिले के उत्पाद अधीक्षक और सहायक आयुक्तों को पत्र लिख कर कहा है कि सभी जिलों में शराब के रीटेलर न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व के विरुद्ध शराब की खरीद बिक्री करें. संयुक्त आयुक्त ने न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व के विरुद्ध खुदरा उत्पाद दुकानों में मदिरा का उठाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि सभी जिलों में रीटेलर शत-प्रतिशत शराब का उठाव सुनिश्चित करें. थोक विक्रेताओं को भी थोक विक्रेता अनुत्रप्तियों (1डी) के तहत शराब के पापुलर ब्रांड का प्रयाप्त प्रबंध करने को कहा गया है. इसके लिए मेसर्स दीशिता वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड, ओम साईं बिवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड समेत सभी प्लेसमेंट एजेंसियों को भी खुदरा उत्पाद दुकानों में शराब का उठाव और बिक्री सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.
पापुलर ब्रांड की उपलब्धता का जिम्मा थोक विक्रेताओं का
संयुक्त आयुक्त ने लिखा है कि सितंबर 2022 के 27 तारीख तक उत्पाद राजस्व का लक्ष्य वार्षिक लक्ष्य का 10 फीसदी तय किया गया है. इस लक्ष्य की प्राप्ति को लेकर सभी थोक बिक्री अनुज्ञप्ति केंद्रों में पोपुलर ब्रांड (देशी और विदेशी), बीयर की आपूर्ति कराना थोक लाइसेंसधारियों का काम है. सितंबर माह में विभिन्न थोक लाइसेंस वाले परिसरों में मौजूद शराब की लगातार निरगानी की जाये. धनबाद, पलामू एवं रांची में पर्याप्त शराब नहीं है, जिस पर विशेष ध्यान देने की आवशयकता है. उन्होंने राज्य के चारों होलसेलरों के यहां पर्याप्त स्टाक नहीं रहने पर चिंता जतायी है.
प्लेसमेंट एजेंसियों को धमकी
संयुक्त आयुक्त ने गिरते राजस्व को लेकर सुमीत फैसिलिटिज, प्राइम वन वर्कफोर्स, ए टू जेड इंफ्रा सर्विसेज लिमिटेड, ईगल हंटर को न्यूनतम प्रत्याभूत राजस्व के विरुद्ध शराब का उठाव और बिक्री सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया है. संयुक्त आयुक्त ने कहा है कि राजस्व हित में काम नहीं करनेवाली एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी.
झारखंड राज्य शराब विक्रेता संघ के महासचिव सुबोध जायसवाल ने कहा कि सितंबर माह में राजस्व में भारी कमी हो गयी है. इसकी भरपाई के लिए 11जिला को पुनः प्रेशर लेटर दिया गया है. अब सवाल यह उठता है कि एक दिन में कितना राजस्व रिकवरी कर सकता है बार-बार विभाग के द्वारा धमकी भरा पत्र प्लेसमेंट एजेंसी को दिया जाता है. फिर भी स्थिति नहीं सुधर रही है. अब यहां यह सवाल उठता है कि पहले जब प्राइवेट एजेंसी काम करती थी, तब राजस्व की कमी पर पांच फीसदी का पेनाल्टी लगाया जाता था, वह भी अनुज्ञप्तिधारी कंपनियों पर. नयी उत्पाद नीति लागू होने के बाद अब तक किस प्लेसमेंट एजेंसी को कितने बार पेनाल्टी लगाया गया है.