दीपक, न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड सरकार के देवघर के मसलिया डैम से जुड़ी पाइपलाइन नहर योजना के 1100 करोड़ की निविदा में लार्सन एंड टर्बो (एलएनटी) ने सारा खेल बिगाड़ दिया है. न्यूज11 भारत ने इससे पूर्व निविदा को लेकर तुलनात्मक विवरणी नहीं बनाये जाने के संबंध में खबर प्रकाशित की थी. अब कहा जा रहा है कि जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख-1 नागेश मिश्र की अध्यक्षता में गठित निविदा समिति में आवेदन देने वाले तीनों कंपनियों का तुलनात्मक विवरणी तैयार कर लिया है. 26 मार्च को मेघा इंजीनियरिंग हैदराबाद, लार्सन एंड टर्बो और नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी लिमिटेड हैदराबाद की ओर से निविदा के लिए फायनांशियल और टेक्निकल बिड भरा था.
एलएनटी के निविदा डेलने के बाद कंपिटीशन में नया मोड़ आया
पहले तो यह चर्चा की जा रही थी कि सिर्फ दो कंपनियां यानी नागार्जुन कंस्ट्रक्शन और मेघा इंजीनियरिंग ही टेंडर भरेगी. पर एलएनटी के निविदा डेलने के बाद कंपिटीशन में नया मोड़ आ गया है. एलएनटी अब एल-1 कंपनी बन गयी है. एलएनटी ने 1313 करोड़ की बोली लगायी है. वहीं एनसीसीएल ने 1625 करोड़ और मेघा इंजीनियरिंग ने 1700 करोड़ रुपये का फायनांशियल बिड भरा है. अब कंपेरेटिव स्टेटमेंट को लेकर जल संसाधन सचिव प्रशांत कुमार अधिकारियों के साथ सोमवार को विशेष बैठक करने वाले हैं.
यह कहा जा रहा है कि सारे पहलुओं को देखते हुए इसे सुलझाने की कोशिश की जायेगी. सूत्रों का कहना है कि इसको लेकर सत्ता के शीर्ष पर बैठे कुछ लोगों की तरफ से टेंडर मामले में पहले से ही लॉबिंग की जा रही थी. अब एलएनटी के एल-1 होने के बाद स्थिति औऱ बाजी दोनों पलट गयी है. अब जल संसाधन विभाग के अधिकारी औऱ सत्ता के गलियारे के शीर्ष नेताओं की घिग्घी भी बंध गयी है. अब इनके सामने एलएनटी को कार्यादेश देने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचा है. यदि एलएनटी को कार्यादेश नहीं मिला, तो मामले के कोर्ट तक पहुंचने का भी डर अधिकारियों को सता रहा है.
एल-2 कंपनी के लिए हुई थी जबरदस्त लॉबिंग
एल-2 कंपनी को कार्यादेश दिलाने के लिए सत्ता के गलियारे में जबरदस्त लॉबिंग की गयी थी. सूत्रों का कहना है कि इसके लिए तेलांगना के सीएम वाइएस चंद्रशेखर भी झारखंड के दौरे पर सपरिवार आये थे. बताया जाता है कि इनके झारखंड दौरे को देश में तीसरे विकल्प के गठन से जोड़ कर देखा गया. पर उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मसलिया की निविदा पर भी उस दौरे में बातचीत हुई थी. यहां तक की नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी निविदा को लेकर पूरी तरह आश्वस्त भी थी. पर अब स्थिति बिल्कुल उलट हो गयी है. नागार्जुन कंस्ट्रक्शन का जो रेट है, वह एल-1 कंपनी एलएनटी से तीन सौ करोड़ से अधिक है. जबकि एल-3 कंपनी का बिड रेट एल-1 कंपनी से चार सौ करोड़ रुपये अधिक है.
22,283 हेक्टेयर भूमि पर तक पहुंचाया जायेगा सिंचाई का पानी
देवघर के मसलिया परियोजना से आसपास के 22,283 हेक्टेयर भूमि में मिल पायेगी पटवन की सुविधा मिल पायेगी. इसमें माइल्ड स्टील (एमएस) पाइप, डक्टाइल आयरन (डीआइ) और हाई डेंसिटी पाइप (एचडीपीइ) के 830 किलोमीटर पाइपलाइन बिछायी जायेगी. योजना में 60 किलोमीटर तक एमएस पाइप की पाइपलाइन बिछायी जायेगी. वहीं डीआइ स्तर के 170 किलोमीटर की पाइप योजना में बिछायी जायेगी. इसके अलावा छह सौ किलोमीटर तक एचडीपीई पाइपलाइन बिछायी जायेगी. प्रत्येक चार-चार एकड़ के खेतों में एक पाइपलाइन चक उपलब्ध कराया जायेगा. 15 से 20 एकड़ भूमि में भी बड़ा पाइपलाइन चक उपलब्ध कराया जायेगा.