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रांची: अफसर और दलालों की मिलीभगत से बुंडू के कोरदा मौजा में गलत तरीके से 1457.72 एकड़ जमीन बेचने के मामले में SIT जांच जारी है. शुक्रवार को 7 गांव के रैयतों का एक प्रतिनिधिमंडल कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी से मुलाकात की. जमीन से संबंधित कई अहम दस्तावेज सौंपे. रैयतों ने सीओ और सीआई की जांच रिपोर्ट भी दी. जिसमें स्पष्ट कहा गया है कि जिन लोगों ने जमीन बेची है उनके नाम से जमाबंदी कायम नहीं है. रैयतों ने बताया कि निरंजन महतो ने जमीन बेची जाने पर आपत्ति जतायी थी. जिसके बाद सीओ-सीआई ने जांच कर रिपोर्ट तैयार की थी. दूसरी ओर बुंडू के वनपाल ने भी वन भूमि बेची जाने को लेकर आपत्ति जताई थी. उन्होंने सीओ को कहा था कि 1457.72 एकड़ जमीन में 310 एकड़ जमीन वनभूमि है. जिसे कोशी कंसल्टेंट प्रालि और शाकंबरी बिल्डर्स प्रालि ने रजिस्ट्री करा ली.
रजिस्ट्री रद्द करने की मांग
प्रतिनिधिमंडल ने कमिश्नर से मांग की है कि गलत तरीके से जो जमीनें बेची गई हैं उसकी रजिस्ट्री रद्द की जाए. प्रतिनिधिमंडल में शामिल कलेश्वर महतो ने बताया कि हमलोगों ने 1977 का रसीद खतियान, वंशावली और पट्टा आदि से संबंधित दस्तावेज कमिश्नर को सौंपी है.प्रतिनिधिमंडल में निरंजन महतो, चुन्नी लाल मुंडा, जगरनाथ महतो, भुवनेश्वर, मंगल सिंह मुंडा, सुखराम मुंडा व गुरूवा मुंडा शामिल थे.
सात गांव के ग्रामीणों लगा रहे गुहार
ग्रामीणों ने जमीन की रजिस्ट्री रद्द करने के लिए उपायुक्त कार्यालय में 15 सितंबर 2020 और इससे पहले 24 जुलाई 2020 को भी आवेदन दिया था, मगर कुछ नहीं हुआ. तब ग्रामीणों ने दक्षिणी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त नितीन मदन कुलमर्णी के पास गुहार लगाई. मामले को गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर जांच टीम बनाकर पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं. जमीन बेचने वाले 17 लोगों को प्रमंडलीय आयुक्त द़्वारा पक्ष रखने के लिए नोटिस किया गया है. जिन लोगों को नोटिस भेजा गया है, उनमें बिशेश्वर मांझी, मदनमोहन मांझी, दल गोविंद मांझी, विजय मांझी, विजय कुमार मांझी, राजकिशोर मांझी, बशिष्ट मांझी, राजेंद्र नाथ मांझी, शंकर मांझी, हरेकृष्ण मांझी, रामदास मांझी, प्रदीप मांझी, रासबिहारी मांझी, दिनेश्वर मांझी, सुनील मांझी, रमेश चंद्र मांझी, उमाकांत मांझी व गौरांग मांझी आदि शामिल है. वहीं, दूसरी तरफ रैयतों से जमीन से संबंधित तमाम दस्तावेज के साथ प्रस्तुत होने के लिए कहा गया था.