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रांची: अब तक हमने कहानियों में सुना था कि ऐसा एक इंसान था जो रात होते ही बन जाता था एक खून का प्यासा भेड़िया, और भेड़िया बनते ही सिर पर सवार हो जाती थी दरिंदगी, फिर होता था शिकार और निशाने पर उसके होते थे मासूम लोग. कहानियों में लोग उसे वेयरवुल्फ के नाम से जानते है. आज हम आपको ऐसे ही एक खतरनाक वेयरवुल्फ की स्टोरी बताने जा रहें हैं जिसने एक दो नहीं बल्कि पूरे 200 से अधिक लोगों को बड़ी ही निर्ममता से मौत के घाट उतार दिया. एक ऐसा सीरियल किलर जिसके अपराधों की सजा देने के लिए कोई भी सजा कम पड़ गई.
उसे चीखती आवाजें और मौत देखने से मिलता था सूकून
उसे मौत को देखने का जुनून था उसे दर्द में तड़पती चीखती चिल्लाती आवाजें बेहद सूकून देने वाली लगती थी. इसलिए वो अपने शिकर को आराम से धीरे धीरे मौत के घाट उतारता था. इस साईको किलर ने नृशंसता की सारी हदें पार कर रखी थी. उसके निशाने पर होती थी सिर्फ औरतें और बेहद आसानी से औरतें उसके जाल में फंस भी जाती थी. इसका कारण था उसकी पुलिस की वर्दी जिसपर लोंगो को भरोसा था कि वो उनका रक्षक है और उसके होते हुए वो सुरक्षित हैं. इसी वर्दी का फायदा उठा कर दिन को जीतता था लड़कियों का विश्वास और रात को उतार देता था उन्हे मौत के घाट. मारने से पहले अपने शिकार के याथ करता था दरिंदगी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म कर एक यातना से भरी दर्दनाक मौत देने में उसे मजा आता था. बता दें पुलिस की वर्दी पहनकर इस सीरियल किलर ने लगभग 200 महिलाओं के साथ जिस्मानी संबंध बनाकर उन्हें मौत के घाट उतार दिया था. उसे एक नशा था, नशा औरतों का, नशा औरतों के साथ जोर-जबरदस्ती करके उनकी जिस्म से खेलने का, नशा औरतों की आह सुनने का, नशा उन्हें तड़पाने का. बस इसी खौफनाक जुनून को उसने अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया. वो इस नशे के लिए इस कदर पागल हो चुका था कि शहर की हर लड़की, हर महिला को अपना शिकार बनाना चाहता था और इसके लिए उसने चुना एक बेहद शातिर तरीका. वो दिन में अपनी पुलिस की वर्दी का रौब दिखकर पुलिसवाला बन जाता और रात को मानव भेड़िया. वैसे तो दुनिया में कई खतरनाक हत्यारे हुए, लेकिन ये हत्यारा इतना खुंखार था कि इसे दुनिया में मानव भेड़िया यानी वेयरवोल्फ के नाम से जाना जाता है. ये भेड़िया शहर भर में अपना शिकार ढुंढता और सूरज ढलते ही उस शिकार पर टूट पड़ता. महिलाओं के सामने पुलिस की वर्दी पहनकर पहले रक्षक के रूप में आता और फिर उनकी इज्जत, उनकी जिंदगी ही उनसे छीन लेता.
जानिए कौन है ये वहशी दरिंदा
ये कहानी है रूस के मिखाइल पोपकोव की जिसने 200 महिलाओं के साथ जबरदस्ती रातें गुजारी, उनके साथ जिस्मानी संबंध बनाएं और फिर उन्हें दे दी ऐसी मौत जिसकी कल्पना करने से भी रुह कांप जाती है. सन 1992 से 2002 के बीच रूस में एक के बाद जंगलों सड़कों से महिलाओं की लाशें मिलने लगी. इस तरह औरतों की लाशें के मिलने पर रूस के अंगासर्क शहर में नब्बे के दशक में हाहाकार मच गया. खास बात थी की ये लाशें बड़ी ही क्रूरता के साथ विभत्स हालत में मिलती थी. जब एक के बाद एक कई लाशें मिलने लगी तो पुलिस को समझ आया कि शहर में घूम रहा कोई वहशी दरिंदा जो औरतों को जानबूझकर अपना शिकार बना रहा है. जितनी भी महिलाओं की लाशें मिली उनसे कत्ल के पहले उनके साथ दुष्कर्म किए गए थे. एक दो नहीं बल्की कई महिलाएं मारी जा चुकी थीं, लेकिन हत्यारा पुलिस की गिरफ्त से बाहर था कोई सूत्र कोई सुराग नहीं था. इधर शहर में मौत का तांडव हो रहा था, सब डरे हुए थे कि न जाने उसका अगला शिकार कौन होगा पुलिस खाली हाथ बस लाशों को गिन रही थी. पुलिस करती भी तो क्या करती और कैसे करती क्योंकि ज्यादातर केस में जांच अधिकारी बनकर यही दरिंदा सबसे पहले क्राइम स्पॉट पर पहुंचता था. पुलिस वाला बनकर ये सीरियल किलर हर केस को रफा दफा कर देता. ये क्राइम सीन पर जाकर सबूत जुटाने का नहीं बल्कि सबूत मिटाने का काम करता. एक रात पहले किए अपने हैवानियत भरे काम को ये पुलिस की वर्दी में बड़ी ही आसानी से मिटा देता. मिखाइल पोपकोव ने पुलिस की नौकरी ज्वाइन ही जुर्म को अंजाम देने के लिए की थी. उसका मकसद ही था महिलाओं के साथ रेप करना और उनका कत्ल करना. इस पुलिसवाले सीरीयल किलर के कत्ल का तरीका भी बेहद भयंकर डरावना था. उसके द्वारा मारी गई महिलाओं के माथे और शरीर पर कभी हथौड़े से तो कभी कुल्हाड़ी से वार के निशान मिलते थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चलता था कि महिलाओं को मारने से पहले काफी देर तक तड़पाया जाता था. धीरे-धीरे आहिस्ता आहिस्ता करके बेहद खतरनाक तरीके से सारी हत्याओं को अंजाम दिया जाता था. ये हत्यारा हर उम्र की औरतों को रखता था निशाने पर मरने वाली महिलाओं की उम्र अलग-अलग थी. 18 साल से लेकर 50 साल तक की स्त्रियों को निशाना बनाया जा रहा था. हर किसी को यही डर था कि कही इसका अगला निशाना वो ही न बन जाएं.
जानिए कैसे पकड़ा गया ये साइको किलर
एक के बाद एक लाशे मिलती जा रही थी और पुलिस परेशान.अबतक ये खतरनाक भेड़िया शहर में सैकड़ों जानें ले चुका था और खुली हवा में घूम रहा था. ये इतना शातिर था कि अगर किसी को इसपर शक होता तो उसे भी मौत दे देता. एक दो बार इसके साथी पुलिसवालों को इसके खिलाफ कुछ सबूत मिले तो इसने उन पुलिसवालों को ही अपने रास्ते से हटा दिया, लेकिन हर अपराधी का अंत निश्चित है इसी तरह इसका भी समय पूरा हुआ और इस दरिंद के अंत की कहानी शुरू हुई इसकी कार से. एक बार पुलिस को लड़की की लाश के पास से इस सीरियल किलर के कार के टायर के निशान मिले और फिर शुरु हुआ सीक्रेट इंवेस्टीगेशन फिर धीरे धीरे सबको समझ आया कि सीरीयल किलर कोई और नहीं बल्की उनकी ही डिपार्टमेंट का एक होनहार व जांबाज पुलिस अफसर है. इसके बाद सबूतों के जुटाने के बाद इसे गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद जो इसने अपनी कुकर्मो की कहानी बताई उसे सुनकर किसी की भी रुह कांप जाए.
जानिए आखिर क्यों करता था बेवजह ही निर्मम हत्याएं
गिरफ्तार होने के बाद इस हैवान ने बताया कि क्यों और कैसे करता था औरतों की हत्या. पुलिस पूछताछ में इस दरिंदे ने अपनी पूरी कहानी बताई. दिन को अपनी ड्यूटी पूरी कर शाम को ये अपनी कार में बार के आसपास खड़ा कर बैठा रहता था.और उधर से गुजरने वाली खूबसूरत लड़कियों को अपनी कार में लिफ्ट देता था. अगर लड़की इसकी कार में आ गई तो उस रात उसको बेहद डरावनी मौत दी जाती थी. ये लड़कियों के साथ कार में ही दुष्कर्म करता और उसके बाद या तो कुल्हाड़ी से या फिर हथौड़े से धीरे-धीरे करके उसे मारता. लड़कियां दर्द से कराहती तो ये उनकी तड़प देखकर खुश होता और उन्हें और ज्यादा दर्द देता. हत्या के बाद रात में ही ये लड़कियों की लाश को जंगल में फेंक देता. इसका अपराध इतना भयंकर था कि इसके जुर्म के लिए रूस की अदालत ने इसे दो बार उम्र कैद की सजा सुनाई. इसके हैवानी कारनामों की वजह से इसे वेयरवुल्फ की संज्ञा दी गई. बता दें दुनिया का ये सबसे खतरनाक सीरियल किलर अब भी रूस की जेल में बंद है. अपने आप को जस्टीफाई करने के लिए ये राक्षस अपने काम को सही ठहरा रहा था. इसका कहना था कि इसने ऐसी महिलाओं का कत्ल करके सिर्फ शहर की गंदगी साफ की है.