अजय लाल /न्यूज़11 भारत
रांची: रेल मंत्रालय ने वक्त-वक्त पर यात्रियों की सुविधा के लिए कई नियम बनाये हैं. कुछ की चर्चा तो खूब होती है लेकिन कुछ की चर्चा तो छोड़िये आम लोगों को इसकी जानकारी तक नहीं होती. लिहाजा अब रेल मंत्रालय ने अपने तीन दशक पुराने कानून और नियम को सार्वजनिक करने का फैसला किया है ताकि यात्री इसका फायदा उठा सके. यह सबकुछ रेल यात्रा को फ्रेंडली बनाने की कवायद है.
रेलवे का नियम कहता है कि चलती ट्रेन में टीटीई की जिम्मेदारी सिर्फ टिकटों की जांच और बर्थ एलॉट करना नहीं है. उसकी जिम्मेदारी में यह भी शामिल है कि वह संबंधित यात्री को उसके जंक्शन आने की जानकारी देता रहे. यदि कोई यात्री अपनी यात्रा किसी जंक्शन से शुरू करता है और जहां उसे जाना है वहां पहुंचने का वक्त यदि सुबह का है तो यह टीटीई की जिम्मेदारी है कि वह रिजर्वेशन चाट देखकर संबंधित यात्री को अलर्ट कर दे कि आपका जंक्शन आने वाला है आप जग जायें. इसे यूं समझिए यदि आपने रांची से हटिया-पटना एक्सप्रेस से शाम साढे सात बजे अपनी यात्रा गया तक के लिए शुरू की.
जाहिर तौर पर ट्रेन के गया पहुंचने का वक्त साढे चार बजे का. पूरी संभावना है कि आप अपने वर्थ में सो रहे होंगे. एक संभावना यह भी है यदि आपकी नींद नहीं खुली तो आप गया से आगे चले जायेंगे. लेकिन रेलवे का नियम कहता है कि गया आने के पहले टीटीई रिजर्वेशन चाट देखकर उन सभी यात्रियों को जगायेगा जिन्हें गया जंक्शन उतरना है. कुछ ऐसा ही नियम महिला यात्रियों के लिए भी है. यदि कोई महिला यात्री स्लीपर क्लास में बगैर टिकट यात्रा कर रहा है तो टीटीई उसे किसी भी जंक्शन पर उतरने के लिए नहीं कह सकता. भले ही उसने टिकट नहीं लिया हो. रेलवे ने ऐसा महिलाओं की सुरक्षा के लिए नियम बना रखा है. ऐसे में टीटीई उसे यह कह सकता है कि वह अनारक्षित बोगी में चली जाये. रेलवे मैनुअर में यह नियम 1989 में बनाया गया था.
यात्रा के दौरान यात्री को यह जानने का पूरा अधिकार है कि जिस ट्रेन से वह यात्रा कर रहा है उसमें सुरक्षा बलों की तैनाती है या नहीं. यदि नहीं तो यात्री को टीटीई से या फिर रेलवे गार्ड से यह जानने का पूरा अधिकार है कि सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी. यात्रा के दौरान यदि किसी यात्री को किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज करानी है तो वह टीटीई से शिकायत पुस्तिका की मांग कर सकता है. इस पुस्तिका में अपना शिकायत दर्ज करा सकते हैं साथ ही आपको अपना पूरा पता भी देना होता है ताकि आपकी शिकायत पर रेल मंत्रालय ने क्या एक्शन लिया इसकी जानकारी आप तक पहुंचायी जा सके.
यदि आप यात्रा कर रहे हैं और अपने बर्थ पर सो गये तो रात दस बजे के बाद टीटीई आपको जगाकर आपके टिकट की जांच नहीं कर सकता. ऐसा करने से आप मुआवजा पाने के अधिकारी होगें. नियम यह कहता है कि रात दस बजे के बाद टीटीई सिर्फ वैसे ही यात्रियों की टिकट की जांच करेगा जिसने उस वक्त पर ट्रेन में नये यात्री शुरू की है. ऐसा नहीं हो सकता कि आपने रात आठ बजे यात्रा शुरू की और दस बजे तक आपसे कोई टिकट मांगने नहीं आया और फिर अचानक दस बजे के बाद आपसे कहा जाये कि आप टिकट दिखाईये. कई बार बेटिकट पकड़े जाने पर टीटीई जहां से ट्रेन खुली है और जहां तक ट्रेन जायेगी तक का टिकट का पैसा और फाईन ले लेता है. ऐसे में यदि आपके पास प्लेटफार्म टिकट है तो आपसे टीटीई उसी जंक्शन से टिकट का पैसा लेगा जहां का प्लेटफार्म टिकट है.