सरफराज कुरैशी/ न्यूज 11 भारत
रांचीः रांची का रिकॉर्ड रूम भी अब मॉर्डन बन गया है. इस मॉर्डन रिकॉर्ड रूम की शुरुआत होने के साथ ही आवेदकों का खतियान का सर्टिफाइड कॉपी आसानी से मिल सकेगी. समाहरणालय ए ब्लॉक के कमरा नंबर जी-3 में एक दिसंबर से शुरू हुए इस मॉर्डन रिकॉर्ड रूम में ही आरएस खतियान का नकल प्राप्त करने के लिए आवेदन लिया जाएगा. अब ऑनलाइन ही नकल मिल सकेगी. इस संबंध में जिला अभिलेखागार की प्रभारी पदाधिकारी मेरी मड़की ने सूचना जारी की है. मतलब अब एक क्लिक पर ही जमीन का खतियान कंप्यूटर स्क्रीन पर आ जाएगा. इसके बाद स्कैनिंग कॉपी निकल जाएगी, जिसे सर्टिफाइड करके आवेदक को दिया जा सकेगा. इस व्यवस्था के शुरू होने के बाद आम लोगों को काफी आसानी होगी. एमेलियन नामक कंपनी मॉडर्न रिकार्ड रूम का काम कर रही है. खतियान के साथ अन्य दस्तावेज की स्कैनिंग का काम चल रहा है. फिलहाल आरएस खतियान की ऑनलाइन कॉपी मिलेगी.
दो-तीन दिन में मिलेगा खतियान
जमीन के खतियान की अभी तक मैन्युअली सर्टिफाइड कॉपी दी जाती है. आवेदक के आवेदन देने के बाद सर्टिफाइड कॉपी उपलब्ध कराने में 6-6 महीने का समय भी लग जाता था. कई आवेदक को जल्दी सर्टिफाइड कॉपी दिलाने के नाम पर एजेंट भी मोटी रकम वसूलते हैं. लेकिन अब आवेदन के दो-तीन दिनों के अंदर ही सर्टिफाइड कॉपी मिल जाएगी. इस सुविधा के शुरू होने के बाद लोगों को एजेंट के चक्कर में आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
पेंडेंसी होगी खत्म
अभिलेखागार के 5-6 कर्मचारी ही खतियान का नकल लिखते हैं. एक दिन में बहुत अधिक तो 70-80 खतियान की कापी ही लोगों को दी जा सकती है. जबकि, 250-300 आवेदन हर दिन मिलते हैं. ऐसे में हर दिन 150-200 आवेदन पेंडिंग रह जाते थे. जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी होती थी. मगर नई सुविधा शुरू होने के बाद अब नए आवेदनों को जहां दो-तीन दिन में ही खतियान की सर्टिफाइड कॉपी मिल जाएगी, वहीं पहले से जो पेंडेंसी हैं वो भी डेढ-दो महीने में खत्म हो जाएंगे.
दस्तावेज पूरी तरह से हो जाएंगे सुरक्षित
रांची कलेक्ट्रेट परिसर में स्थित लैंड रिकॉर्ड रूम में 100 साल से भी पुराने दस्तावेज रखे हुए हैं. कई दस्तावेज की हालत काफी खराब हो चुकी है. दस्तावेज के पन्ने उलटने में भी फटने का डर बना रहता है. वहीं, कई दस्तावेज ऐसे भी हैं जिन्हें पढ़ने में मुश्किल होती है. नई व्यवस्था से यह दस्तावेज पूरी तरह सेफ हो जाएंगे. क्योंकि, फिर इन दस्तावेज को पलटने की जरूरत नहीं होगी. कंप्यूटर में ही स्कैन कॉपी उपलब्ध रहेगी.
छेड़छाड़ की आशंका होगी खत्म
मॉडर्न रिकॉर्ड रूम में दस्तावेज कंप्यूटराइज्ड होने के बाद छेड़छाड़ की आशंका पूरी तरह से खत्म हो जाएगी. क्योंकि, मॉडर्न टेक्नोलॉजी से दस्तावेज का बार कोड लगाया जाएगा. मॉडर्न रिकॉर्ड रूम पदाधिकारी और कर्मियों के थंब निशान से ही खुलेगा. अन्य व्यक्ति बिना पासवर्ड को जाने इसे खोल ही नहीं पाएंगे.