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रांची/डेस्क: करमा पर्व झारखंड में मनाई जाने वाली प्रमुख त्योहारों में से एक है और पूरे राज्य में करमा पर्व बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस साल यह त्योहार 25 सितंबर यानि आज मनाया जा रहा है और यह भाई-बहन का पर्व है इस दिन बहनें अपने भाई के लिए व्रत-उपवास करती हैं और भाई के लिए लंबी उम्र और उसकी सुख-समृद्धि की कामना करती हैं. करमा पर्व में रात भर झारखंड के लोकनृत्य और गीतों का आनंद लिया जाता है.
करमा पर्व का महत्व
करमा पर्व झारखंड का एक लोकप्रिय पर्व है और झारखंड के लोग पूरे साल इस पर्व का काफी बेसब्री से इंतजार करते हैं. जिस तरह रक्षाबंधन के दिन भाई के कलाई पर बहनें राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र की कामना करती हैं. ठीक उसी तरह करमा पर्व भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत बनाता है. इस दिन पूरे दिन बहनें व्रत कर करमा देवता की पूजा करती है.
ऐसे मनाया जाता है करमा पर्व
करमा पर्व के दिन बहनें अपने भाई के लिए व्रत करती हैं. उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि कर घर की साफ-सफाई की जाती है. फिर अपने घर के आंगन में विधिपूर्वक करम की डाली को गाड़ा जाता है. फिर उस स्थान को गोबर से लीपकर शुद्ध किया जाता है. जहां करम डाली को गाड़ा जाता है वहीं बहनें अपने हाथ में थाली या टोकरी लेकर बैठती हैं .इस दौरान करम राजा की पूजा की जाती है और बहनें प्रार्थना करके अपने भाई की सुख-समृद्धि और खुशियां की कामना करती है यह पूजा गांव के बुजुर्ग कराते हैं और पूजा के बाद करम कथा भी सुनाई जाती है.
ऐसे मनाया जाता है करमा पर्व
करमा पर्व के दिन बहनें अपने भाई के लिए व्रत करती हैं. उस दिन जल्दी उठकर स्नान आदि कर घर की साफ-सफाई की जाती है. फिर अपने घर के आंगन में विधिपूर्वक करम की डाली को गाड़ा जाता है. फिर उस स्थान को गोबर से लीपकर शुद्ध किया जाता है. जहां करम डाली को गाड़ा जाता है वहीं बहनें अपने हाथ में थाली या टोकरी लेकर बैठती हैं .इस दौरान करम राजा की पूजा की जाती है और बहनें प्रार्थना करके अपने भाई की सुख-समृद्धि और खुशियां की कामना करती है यह पूजा गांव के बुजुर्ग कराते हैं और पूजा के बाद करम कथा भी सुनाई जाती है.