न्यूज11 भारत
- 23 साल पहले कारगिल युद्ध (India Pakistan war) में शहीद हुए थे 527 भारतीय जवान
- 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों की घुसपैठ के खिलाफ " ऑपरेशन विजय" में भारतीय सशस्त्र बलों की जीत हुई
- युद्ध को जीतने की याद में हर साल 26 जुलाई को पूरे भारत में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है
- 60 दिन से ज्यादा चलने वाली इस लड़ाई को ऑपरेशन विजय नाम दिया गया था
रांची: भारत में हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को 1999 में कारगिल युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.
ऑपरेशन विजय: कारगिल युद्ध
यह भारत और पाकिस्तान के बीच एक सशस्त्र संघर्ष था जो लद्दाख के कारगिल जिले और नियंत्रण रेखा (LoC) के साथ अन्य स्थानों पर हुआ था. यह 60 दिनों से अधिक (मई और जुलाई 1999 के बीच) लड़ा गया था और अंत में भारत ने अपने सभी क्षेत्रों पर फिर से नियंत्रण हासिल कर लिया था. शिमला समझौते के तहत दोनो देश ठंड के समय अग्रिम चौकियों से अपने अपने सैनिकों को हटा लेते हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इस समझौते का गलत फायदा उठाते हुए भारत के इलाकों पर कब्जा कर लिया. जिसका पता लगने पर भारतीय सैनिकों ने जवाबी कार्रवाई की थी.60 दिनों के लंबे संघर्ष में, टाइगर हिल की जीत महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक थी.
"ऑपरेशन बद्र"
1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद भी कई दिन सैन्य संघर्ष होता रहा. इतिहास के मुताबित दोनों देशों द्वारा परमाणु परीक्षण के कारण तनाव और बढ़ गया था. स्थिति को शांत करने के लिए दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए. जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था. लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" रखा था. इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था.
ऊंचाई पर छिपी धोखेबाज पाकिस्तानी सेना
पाकिस्तानी सेना का मुख्य उद्देश्य लद्दाख और कश्मीर के बीच संबंध तोड़ना और भारतीय सीमा पर तनाव पैदा करना था। घुसपैठिए पहाड़ की चोटी पर बैठे थे जबकि भारतीय ढलान पर थे और इसलिए उनके लिए हमला करना आसान और हमारे लिए उतना ही मुश्किल था। 3 मई 1999 को पाकिस्तान ने यह युद्ध तब शुरू किया जब उसने लगभग 5000 सैनिकों के साथ कब्जा शुरू कर लिया था। विश्वासघातियों को सबक सिखाने के लिए ही ऑपरेशन विजय चलाया गया।
भारतीय वायुसेना का दिखा था पराक्रम
जमीनी हमले के लिए मिग-2आई, मिग-23एस, मिग-27, जगुआर और मिराज-2000 विमानों का इस्तेमाल किया. मुख्य रूप से, जमीनी हमले के सेकंडरी रोल के साथ हवाई फायर के लिए मिग -21 का निर्माण किया गया था. जमीन पर टारगेट हमला करने के लिए मिग-23 और 27 को ऑप्टिमाइज किया गया था। पाकिस्तान के कई ठिकानों पर हमले हुए इसलिए, इस युद्ध के दौरान ऑपरेशन सफेद सागर में IAF के मिग -21 और मिराज 2000 का बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया था।
वीर सैनिकों ने पाकिस्तान को चटाई थी धूल
इस लड़ाई के दौरान बड़ी संख्या में सैनिकों ने शहादत दी, वीर सपूतों ने तोपों और छोटे हथियारों से हमले जारी रखे. इस युद्ध में बड़ी संख्या में रॉकेट और बमों का प्रयोग किया गया था। करीब दो लाख पचास हजार गोले, बम और रॉकेट दागे गए। लगभग 5000 तोपखाने के गोले, मोर्टार बम और रॉकेट 300 बंदूकें, मोर्टार और एमबीआरएल से प्रतिदिन दागे जाते थे, जबकि 9000 गोले उस दिन दागे गए थे, जिस दिन टाइगर हिल पर वापस कब्जा किया गया था. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह एकमात्र युद्ध था जिसमें दुश्मन सेना पर इतनी बड़ी संख्या में बमबारी की गई थी. 55 दिनों के इस युद्ध के दौरान हमारे सैनिकों की अद्भुत वीरता और अडिग दृढ़ संकल्प ने दुश्मन को भारतीय पोस्ट से पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया था. तबसे हर साल, 26 जुलाई को पाकिस्तान की घुसपैठ पर जीत के उपलक्ष्य में कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है.
युद्ध से जुड़े कई और तथ्य
- कारगिल में घुसपैठ करने की सूचना एक चरवाहे द्वारा भारतीय सेना को 3 मई, 1999 को दी गई थी
- कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना ने तेल और ईंधन की आपूर्ति को रोकने के लिए पाकिस्तानी बंदरगाहों,पर नाकाबंदी करने के लिए ऑपरेशन तलवार शुरू किया था
- पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप करने के लिए कहा, लेकिन तब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने अनुरोध को अस्वीकार करते हुए पाक से कहा कि इस्लामाबाद को नियंत्रण रेखा से अपने सैनिकों को वापस लेना चाहिए
- सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारतीय पक्ष से 527 और पाकिस्तानी सेना के 357 से 453 जवान मारे गए थे
- 14 जुलाई को तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा कारगिल युद्ध की जीत की घोषणा की गई थी, लेकिन कारगिल विजय दिवस की आधिकारिक घोषणा 26 जुलाई को की गई थी
- कारगिल विजय दिवस युद्ध में शहीद हुए भारतीय जवानों के सम्मान हेतु मनाया जाता है