7" जेपीएससी संयुक्त सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा रविवार, 19 सितंबर, 2021 को झारखंड के 24 जिलों में फैले 1102 केंद्रों पर आयोजित की गई थी. झारखंड लोकसेवा आयोग के द्वारा 7वीं से 10 वीं JPSC की प्रारंभिक परीक्षा के परिणाम के बाद उठ रहे कई सवालों के जवाब दिया है. साथ ही आयोग के द्वारा उम्मीदवारों के परीक्षा परिणाम पर उठाये गये 20 आपत्तियों का जवाब भी दिया है. आयोग के द्वारा इसके निमित्त सुचना भी जारी कर दी गयी है. सुचना के आधार पर अनेक केटेगरी कटऑफ यह है.
पहला प्रश्न
सबसे मजबूत आधार रूपी साक्ष्य है कि कुछ होनहार छात्र अधिक अंक लाकर भी प्रारम्भिक परीक्षा के परिणाम में अनुतीर्ण हुए है. जबकि बहुतादाद मैं कम अंक लाने वाले कतिपय छात्र उत्तीर्ण हुए है. इसका प्रमाण एक छात्र के उत्तर पुस्तिका के कार्बन कॉपी रूप में सलंग्र किया गया है. जिसका अनुक्रमांक 52236888 है और अंक 230 है, जबकि 266 अंक लाने वाले अभ्यर्थी इस प्रारम्भिक परीक्षा में अनुतीर्ण हो जाता है, जबकि OMR में किसी प्रकार की त्रुटि नहीं है. जबकि अनुक्रमांक 52077036 है. यह सबसे मजबूत और पुष्ट आधार इंगित करता है कि व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है जो परिकल्पना से बाहर है.
दिया गया उत्तर
ऐसा तर्क दिया गया है कि एक अभ्यर्थी जिसका कमांक 52077036 है उसे 266 अंक मिलने के बावजूद भी उसका चयन नहीं हुआ है . हालांकि बिना कटऑफ की जानकारी हुए यह तर्क आधारविहीन है. फिर भी यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त अभ्यर्थी का अपने कोटि अनारक्षित के कटऑफ 260 से कम 240 अंक ही प्राप्त है.
दूसरा प्रश्न
क्रमवार तीनो जिलों लोहरदगा, साहेबगंज और लातेहार के एक-एक परीक्षा केन्द्रों से परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए है, जबकि केन्द्रों से 2,3,4 और 5 की श्रेणी में क्रमवार परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए है, जो इस बात को इंगित करना है, परीक्षा हॉल में सही तरीके से पर्यवेक्षण नहीं हुआ या फिर स्थानीय स्तर पर केन्द्र को प्रबंध किया गया. चूंकि इस तरह का परिणाम किसी भी लोक सेवा आयोग द्वारा परिणाम में देखने को नहीं मिलता है कि एक दो केन्द्रों में संयोग हो सकता है मगर इतने सारे केन्द्रों में इस तरह ही परिणाम आना काफी संदेहास्पद है. इसके कारण परिणाम काफी प्रभावित हुआ.
दिया गया उत्तर
ऐसा दावा किया गया है कि तीन जिलों लोहरदगा, साहेबगंज और लातेहार के एक-एक परीक्षा केन्द्र से कमवार परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं, जबकि कई केन्द्रों से 23,4 और 5 की श्रेणी के क्रमवार परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए हैं. ऐसे उदाहरण मात्र दो जिले, लोहरदगा और साहेबगंज में प्रतिवेदित हुए हैं. उल्लेखनीय है कि 7वीं JPSC की परीक्षा 3.7 लाख अभ्यर्थियों के लिए आयोजित की गई थी, जो जे0पी0एस0सी0 द्वारा आयोजित पूर्व की कई अन्य परीक्षाओं के अभ्यर्थियों की संख्या से कई गुणा अधिक थी. परीक्षा की वृहद् प्रकृति के परिप्रेक्ष्य में दो परीक्षा कक्षों के संबंध में अपरिहार्य परिस्थिति उत्पन्न हुई, जिसके लिए अभ्यर्थियों को उत्तरदायी ठहराया नहीं जा सकता. परिस्थितियां किसी कदाचार से संबंधित नहीं है. आयोग ने ऐसे अभ्यर्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया कि उन्हें औपबंधिक 1 से क्वालीफाईड घोषित किया जाए तथापि अग्रेतर जांच की कार्रवाई जारी रहेगी. ऐसा निर्णय इसलिए भी आवश्यक था क्यों कि एक छोटी संख्या के मामले को लेकर सम्पूर्ण परीक्षा परिणाम को रोक कर नहीं रखा जाए. इस संबंध में आयोग द्वारा ससमय अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.
तीसरा प्रश्न
कोटिवार श्रेणी का कटऑफ अंक का जारी पक करना अपने आप में अत्यंत संदेहास्पद स्थिति उत्पन्न करता है जिसके परिणाम स्परूप छात्र इस दुविधा में है कि कितने अंकों में उत्तीर्णता हुई है. जैसा की बिहार लोक सेवा आयोग व अन्य लोक सेवा आयोग का परिणाम साछय स्वरुप सलंग्र किया गया है.
दिया गया उत्तर
इस संबंध में आयोग किसी तथ्य को छिपाने की मंशा नहीं रखती है. संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अपनाई जाने वाली प्रकिया को आयोग अपनाने की मंशा रखता है, जिसमें परीक्षा का कटऑफ अंक अतिम परीक्षाफल के समय ही जारी किया जाता है. फिर भी अभ्यर्थियों को किसी निहित उद्देश्य से लगातार दिग्भ्रमित किए जाने के प्रयासों के परिप्रेक्ष्य में आयोग ने कटऑफ मार्क्स जारी करने का निर्णय लिया है. कोटिवार कटऑफ संलग्न है.
चौथा प्रश्न
कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग द्वारा जारी संयुक्त असैनिक सेवा, परीक्षा नियमावाली - 2021 के खण्ड 17.2 में सभी श्रेणीयों का UH (single) कटऑफ की बात कही गयी है जिसका पालन प्रारम्भिक परीक्षा में नहीं किया गया है.
दिया गया उत्तर
यह दावा नियमों को गलत रूप से पढ़ने के फलस्वरूप किया गया है.
पांचवा प्रश्न
इस असैनिक सिविल सेवा परीक्षा जिसका वि० सं० 01/2021 में दिव्यांग श्रेणी के सीटें उल्लेखित हैं अगर उसका कोटिवार परिणाम जारी नहीं किया गया है जो कि एक तकनीकी गड़बड़ी हैं.
दिया गया उत्तर
यह दावा किसी निहित उद्देश्य से प्रेरित प्रतीत होता है तथा संभवतः अभ्यर्थियों को दियग्प्रमित करने का प्रयास है. आयोग के लिए यह आवश्यक रूप से संतुष्ट हो लेना अनिवार्य है कि प्रत्येक कोटि में' रिक्ति का लगभग 15 गुणा अभ्यर्थियों का चयन आवश्यक रूप से हुआ हो. हालांकि आयोग इस संख्या को जारी करने के लिए बाध्य नहीं है, फिर भी आयोग ने यह निर्णय लिया है कि अपवाद स्वरूप आयोग ऐसा करेगा ताकि अभ्यर्थियों को दिग्भ्रमित करने के सभी प्रयास असफल हो जायें. दिव्यांग श्रेणी में 7 रिक्तियों के विरूद्ध 107 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है, जो कि 15 गुणे से ज्यादा है.
छठा प्रश्न
आयोग द्वारा बनाये गए रिजल्ट का वर्गानुसार अर्थात UNR, EWS, SC, ST, BC, PH, महिला आदि का कटऑफ मार्क्स जारी किया जाए.
दिया गया जवाब
कृपया कंडिका-3 का अवलोकन करें.
सातवां प्रश्न
सभी अभ्यर्थियों चाहे वे पास हो या फेल सभी का मार्क्सशीट जारी किया जाए.
दिया गया जवाब
यह अनावश्यक है. प्रत्येक अभ्यर्थी को OMR आंसर शीट की कार्बन कॉपी दी जा चुकी है. यह अनावश्यक है. प्रत्येक अभ्यर्थी को 08 है. अतः यह अनुरोध परीक्षा प्रकिया की जानकारी के अभाव को दर्शाता है.
आठवां प्रश्न
एक अभ्यर्थी जिसका क्रमांक 52236888 है जो कि BC-2 वर्ग का छात्र हैं. मात्र 230 अंक लाकर पास हो गया है जबकि BC-2 वर्ग के अन्य छात्र 256 अंक लाकर भी फेल हो गए है. आयोग इसे स्पष्ट करे साथ ही और कितने ऐसे अभ्यर्थी हैं जो कम अंक लाने पर भी पास किए गए हैं, आयोग जांच कर पूरी जानकारी दे.
दिया गया उत्तर
कृपया कंडिका-2 एवं 3 का अवलोकन करें.
नौवां प्रश्न
पूरे भारतवर्ष में झारखण्ड लोक सेवा आयोग ही एकमात्र ऐसा आयोग हैं जहां एक ही सेंटर के एक ही कमरे से सभी छात्र पास कर जाते हैं तो आयोग उन सभी छात्रों जहां जहां एक ही कमरे से सभी अभ्यर्थी पास कर गए हैं, उन सभी प्रतिभावान छात्रों का 08 पब्लिक किया जाए.
दिया गया प्रश्न
ऐसा दावा किया गया है कि कतिपय परीक्षा केंद्र के एक ही कमरे से सभी अभ्यर्थी पास हुए हैं. यह दावा तथ्यों से परे है. फलतः किसी टिप्पणी की आवश्यकता नहीं है.
10वां प्रश्न
इसके अलावा प्रश्न पत्र लीक होने कि चर्चा भी जोरों पर हैं, आयोग इसकी उपयुक्त कमिटी द्वारा जांच करवाए.
दिया गया उत्तर
इस प्रकार की परीक्षा में प्रश्न पत्र का लीक होना एक बृहद् समाचार होगा. ऐसी घटना कुछ ही पलों में Public Knowledge बन जाती है. आयोग की यह परीक्षा जो 19 सितम्बर 2024 को सम्पन्न हुई है, को दो माह से अधिक हो गया है और इस अवधि में प्रश्न पत्र लीक होने का तनिक भी साक्ष्य नहीं मिलना दर्शाता है कि यह दावा निरर्थक है.
11वां प्रश्न
उपर्युक्त बिन्दुओं को गंभीरतापूर्व लेते हुए आयोग मुख्य परीक्षा व स्थगित रखते हुए प्रारम्भिक परीक्षा रद्द करे.
दिया गया जवाब
इस दावे में कोई मेरिट नहीं है.
12वां प्रश्न
परीक्षाफल का प्रकाशन Rules-2021 के कंडिका 17(॥) तथा विज्ञापन संख्या 01/2021 की कंडिका 10(2) (४) एवं (५) में वर्णित प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए किया गया हैं.
दिया गया जवाब
कृपया कंडिका-4 का अवलोकन करें.
13वां प्रश्न
परीक्षाफल के प्रकाशन में मुख्य परीक्षा के लिए कुल रिक्तियों का 15 YT (irrespective of category) अर्थात सबों को एक मानते हुए रिजल्ट जारी किया जाना था जो नहीं किया गया हैं| यहां सिंगल कटऑफ की अनदेखी की गयी हैं और JPSC के द्वारा अपने ही विज्ञापन का उल्लंघन कर रिजल्ट जारी किया गया है.
दिया गया जवाब
कंडिका- 4 पर स्थिति स्पष्ट है.
14वां प्रश्न
परीक्षाफल में विकलांगों कि कोटी कि अनदेखी की गई है.
दिया गया जवाब
यह दावा गलत है.
15वां प्रश्न
PT के पेपर -1 एवं पेपर -2 में लगभग 20 प्रश्नो में गड़बड़ियां थीं. जे०पी०एस०सी० के द्वारा एक्सपर्ट कमिटी के गठन के बाद भी जे०पी०एस०सी० उनका सही निराकरण नहीं कर पाया, जिसके कारण मेघावी छात्रों को काफी हानि हुई है. यह जे०पी०एस०सी० निष्करियता और अक्षमता को इंगित करता है.
दिया गया जवाब
यह तथ्यात्मक रूप से गलत है. मॉडल उत्तर पर अभ्यर्थियों से आपत्ति प्राप्त करने के पश्चात्
विशेषज्ञों की समिति गठित कर प्रश्नों की जांच कराई गई. यह प्रकिया नियमों के अनुरूप की
गई है.
16वां प्रश्न
गृह जिला एवं पंचायत स्तर पर परीक्षा केन्द्र बनाए जाने के कारण स्थानीय अभ्यर्थियों को उनके परिचित एवं परिजन जैसे invigilator के द्वारा प्रश्नो को हल करने में अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिसके परिणाम स्वरुप अनेक जिलों के अनेक सेंटरों से एक ही रूम से लगातार क्रमांक वाले अभ्यर्थी पास कर गए है, जो भारी अनियमितता को दर्शाता है.
दिया गया जवाब
संबंधित उपायुक्तों द्वारा राज्य में उपलब्ध सर्वोत्तम संसाधनों का उपयोग किया गया है.
17वां प्रश्न
परीक्षाफल के प्रकाशन में केटेगरीवाइज कटऑफ मार्क्स जारी नहीं किया गया है, जो इस बात को दर्शाता है की रिजल्ट में भारी अनियमितता है और त्रुटियों को आयोग के द्वारा छुपाया जा रहा है.
दिया गया उत्तर
कृपया कंडिका 3 का अवलोकन करें.
18वां प्रश्न
परीक्षाफल के प्रकाशन के उपरांत अनेकों ऐसे अभ्यर्थी सफल घोषित किये गये हैं जिन्होंने मात्र 115 प्रश्नों का उत्तर दिया है जबकि अनेकों ऐसे अभ्यर्थी हैं जो 130 से अधिक प्रश्नों का सही उत्तर दिए हैं लेकिन इसके बावजूद असफल घोषित किये गये हैं यही वजह है कि JPSC कटऑफ जारी नहीं कर रही है.
दिया गया जवाब
दावा गलत है.
19वां प्रश्न
JPSC के सभी अभ्यार्थी (सफल एवं असफल दोनों) यह मांग कर रहे है कि JPSCके इस रिजल्ट को रद्द किया जाए और तत्पश्चात JPSC को भंग कर परीक्षा का आयोजन UPSC के द्वारा कराया जाए, ताकि JPSC की परीक्षा और अभ्यर्थी का चयन निष्पक्ष एवं तटस्थ तरीके से हो सके और राज्य के मेघावी छात्र इस सेवा में आ सकें. संविधान के अनुच्छेद 315 (4) में प्रवधान है कि यदि राज्यपाल राष्ट्रपति से अनुरोध करे और राष्ट्रपति इस अनुरोध को स्वीकार कर ले तो UPSC राज्य को सेवाओं की परीक्षा का संचालन कर सकता है.
दिया गया जवाब
आयोग इस बिन्दु पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझता है.
20वां प्रश्न
वार्ता के कम में चार जिलों यथा रांची, बोकारो, जमशेदपुर एवं धनबाद के अपेक्षाकृत पर्याप्त संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा उत्तीर्ण नहीं किया. (मौखिक प्रश्न)
दिया हुआ जवाब
यह प्रश्नकर्त्ता क मस्तिष्क में पूर्वाग्रह को दर्शाता है. आयोग इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं समझता है.