रांची: केंद्र सरकार द्वारा 15 नवंबर को बिरसा मुंडा के नाम बनाए जाने वाले राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के खिलाफ झामुमो ने मोर्चा खोल दिया है. झामुमो ने आदिवासी मसलों को लेकर केंद्र एवं भाजपा को पूरी तरह से कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया. पार्टी केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्र एवं भाजपा को इसे नाटक करार दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा किस मुह से राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस की बात कर रही है. मंडल डैम के नाम पर नीलांबर-पीतांबर के वंशजो एवं गांवों को विस्थापित करने का प्लान बनाया. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डैम निर्माण की घोषणा पलामू आकर की थी. भाजपा किसी जनजातीय गौरव की बात करती है और किस मुंह से. आदिवासियों को अब भाजपा मजाक बनाना बंद करे.
झामुमो ने भाजपा को इन मुद्दों पर घेरा, मांगा जवाब
-मंडल डैम योजना बंद हो
-1949 में स्थापित बीआईटी सिंदरी को आईआईटी का दर्जा दे
-असम में रहने वाले झारखंड के आदिवासियों को चुनावी वादा के बाद भी जनजातीय का दर्जा नहीं मिला, जबकि केंद्र एवं असम दोनों जगह वर्षों से भाजपा की सरकार है
-रांची में हुई भाजपा एसटी मोर्चा की बैठक में पांचवी अनुसूची एवं सरना धर्म पर चर्चा तक नहीं हुई, क्यों
-आदिवासियों की रक्षा कवच सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट में रघुवर सरकार में छेड़छाड़ का प्रयास हुआ
-1855 में हुई हुल क्रांति का अब तक इतिहास में दर्जा नहीं दिया गया
-संविधान में प्रवाधानित पांचवीं एवं छठी अनुसूची, पी-पेसा को देश में सख्ती से क्यों नहीं लागू किया जा रहा है?
-सरना धर्म कोड पर भाजपा एवं केंद्र सरकार चुप क्यों है? जबकि यह झारखंड सहित पूरे देश के करोड़ों आदिवासियों का पहचान एवं अस्तित्व से जुड़ा मसला है.
-टाईबल सब प्लान का पैसा पूर्ववर्ती सरकार ने भाजपा के पोस्टर एवं बैनर छापने में खर्च किया. हर साल इस मद की राश में कटौती क्यों की जा रही है.