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रांची: देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री को हटाए जाने का इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के निर्देश का झामुमो ने कड़ा विरोध किया है. पार्टी इलेक्शन कमीशन पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया पर पूरे देश के करोड़ों लोगों का विश्वास है. इसलिए वह निष्पक्ष होकर काम करें, यही भारतीय लोकतंत्र के लिए बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त होने और कोड ऑफ कंडक्ट समाप्त होने के बाद इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया क्या तय करेगी कि कौन से अधिकारी कहां रहेंगे और नहीं. क्या अब निकट भविष्य में किसी राज्य में कौन सी योजना चलेगी, यह इलेक्शन कमीशन तय करेगा. यह बातें झामुमो केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी कार्यालय में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
उन्होंने कहा कि इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को यूपी चुनाव में भाजपा का रंग और नाटक नजर नहीं आ रहा है. सरकारी खर्च पर भाजपा के झंडे-पोस्टर बैनर के साथ योजनाओं की लांचिंग की जा रही है. उन्होंने कहा कि 10वीं अनुसूचित स्पष्ट करता है कि इस मामले में स्पीकर का फैसल सर्वमान्य होगा. जो इससे सहमत नहीं होगा, उसके कोर्ट में चुनौती दे सकता है. जिस तरह का व्यवहार निर्वाचन आयोग कर रही है, उससे प्रतीत होने लगा है कि वह अब कोर्ट के मामले दखल दे रहा है. पहले सीबीआई, ईडी, इनकम टैक्स और इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया भी किसी खास सरकार या पार्टी के निर्देश पर कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में तीन उपचुनाव हुए. जिसमें पहला चुनाव दुमक एवं बेरमो में हुआ. इसके बाद मधुपुर में हुआ. इलेक्शन कमीशन के दखल के बाद देवघर डीसी को कुछ दिनों के हटा दिया गया. कोड ऑफ कंडक्ट खत्म होने के बाद देवघर डीसी को पुन. नियुक्त किया गया. मगर इसके बाद भी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया यह करेगी कि किसी राज्य में कौन से अधिकारी कहां रहेंगे यह तो बहुत ही घातक कदम है. क्या अब झारखंड और गैर भाजपा शासित राज्यों में कौन सी योजना चलेगी यह भी चुनाव आयोग तय करेगा. इसलिए झामुमो इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया से मांग करती है कि भविष्य में इस तरह का फैसला या कदम नहीं उठाए, नही तो यह लोकतंत्र के घातक साबित होगा.