कहा- रघुवर के बेटे की कहानी हमनें कभी नहीं बतायी, उनके बेटे ने पिता के कार्यकाल में क्या-क्या किया
हेमंत सोरेन के लीज खनन पट्टा किसी भी एंगल से 9 ए के दायरे में नहीं आता है, सुप्रीम कोर्ट इसे अच्छे डिफाइन किया है
बंगाल, महाराष्ट्र के बाद झारखंड में वही खेल दुहराया जा रहा है ताकि केंद्रीय एजेंसिया धर दबोचे
सोहराय, सोहराय करते बेरोजगार हो गए रघुवर दास मगर सोहराय शब्द उनके जहन नहीं हट रहा है
न्यूज11 भारत
रांची: झामुमो ने पूर्व सीएम रघुवर दास पर पलटवार किया है. आज आयोजित प्रेस वार्ता में सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जो पिछले चुनाव में बेरोजगार हो गया है. हाल के दिनों में कुछ-कुछ याद आने लग गया है. जिस शब्द से वे सबसे ज्यादा डरते थे. वह शब्द था सोहराय. एक वर्ष में पांच बार सोहराय, सोहराय करते रहते हैं. इस शब्द से वे इस कद्र चिढ़ जाते हैं. करमा, सरहुल आदिवासी-मूलवासियों का पर्व है. चूंकि उनका इस राज्य से कोई रिश्ता नहीं रहा. पर्व-त्योहार, संस्कृति से कोई रिश्ता नहीं रहा तो वे हमेशा इस शब्द को चिल्लाते रहते हैं. अब जबकि कोई काम नहीं रह गया तो मुख्यमंत्री इस्तीफा दे दीजिए. इस्तीफा हाथ का मोआ है कि बच्चा रोता रहे तो मोआ पकड़ा दें. सरकार चल रही है, सरकार पूरी कमीटमेंट के साथ आगे बढ़ रही है. लोगों की आकांक्षाएं आगे बढ़ रही है. तो भाजपा को मिर्ची लगनी शुरू हो गयी. पिछले बार सोहराय, सोहराय करते चुनाव हार गए. पीआईल कर देना. मुख्यमंत्री के साथ जो लोग रहते हैं, आरोप लगा देना. जब रघुवर दास मुख्यमंत्री थे. तब उनके पुत्र का मामला नहीं उठाया. उनके पुत्र कई कंपनियों ने डायरेक्टर थे. छत्तीसगढ़ से सैंकड़ों लोगों को लाकर नौकरी लगाया. टाटा में कई कंपनियों में नौकरी लगवाया. क्या उनके पूरे कार्यकाल में एक बार भी कहा कि अपने बेटे को नौकरी क्यों लगवा रहे हैं. जो खनन पट़टा की बात करते हैं. 2009 के इलेक्शन डिबेट में यह बातें आयी थी, सभी चुनाव में डिक्यरेंशन हैं. एक भी पत्थर आज तक नही निकला. क्योंकि सरकार ने इसकी अनुमति ही प्रदान नहीं की. जिसका जिक्र चुनाव आयोग को किया गया. इनकम टैक्स रिर्टन में कहा गया. इसे कहा जा रहा है लाभ का पद. कौन से पंडित हैं ये लोग. खान मंत्री रघुवर दास थे, 2016 में उनके द्वारा अभिषेक को दिया गया. उस वक्त क्या वे लाभ के पद पर था. उन्होंने व्यवसाय के लिए सरकार के पास आवेदन किया. इसकी बेतूकी बातें, केवल भ्रम पैदा करने के लिए, विकास कार्य प्रभावित करने के लिए सारा खेल रचा गया. हमलोग देख रहे हैं महाराष्ट्र में बंगाल में क्या हो रहा है. केंद्रीय एजेंसी तैयारी बैठी है. कि कोई चीजें सामने आयी और हम छपट पड़ें. एनसीपी नेताओं को बिना कारण के भाजपा के आलोचना के लिए मंत्रियों को जेल में डाला गया. बंगाल में मुख्यमंत्री के सगे-संबंधियों में शिंकजा कसा जा जा रहा है. उसी तरह की पटकथा झारखंड में लिखी जा रही है. यह सारा खेल केवलल और केवल सत्ता के लिए किया जा रहा है. यह सुनोयोजित षडयंत्र है.
भट्टाचार्य ने कहा कि हमसे भी चुनाव आयोग को पुछना चाहिए कि मेरा पक्ष क्या है. 8 ए का उल्लेख हो रहा है. वह कहीं से भी प्रमाणिक ही नहीं है. उसे सुप्रीम कोर्ट से अच्छी तरह डिफाइन किया गया है. यह कहीं से भी नहीं टिकती है. शिबू सोरेन परिवार को बदनाम करने का जनता और पार्टी माकूल जवाब दिया है और आगे भी देगी. भाजपा चिंता न करे.
बिजली संकट पर सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है इसलिए केन्द्रीय विद्युत मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए. हमलोग देश को रौशन कर झारखंड की कुर्बानी दे रहे है. वर्तमान बिजली संकट के लिए भारत सरकार का मिसमैनेजमेंट जिम्मेदार है.