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इस वर्ष भी नहीं दिखेगी गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झांकी

PRD निदेशक राजीव लोचन बख्शी ने कहा नहीं मिली स्वीकृति
इस वर्ष भी नहीं दिखेगी गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की झांकी
न्यूज11 भारत




रांची: नयी दिल्ली के राजपथ में 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में झारखंड की झांकी नहीं रहेगी. वैसे गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारियां जोरों पर चल रही है. 26 जनवरी के मुख्य समारोह में पश्चिम बंगाल की झांकी पर भी रोक लगा दी गयी है, जिसको लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है. झारखंड सरकार की तरफ से राज्य की झांकी को लेकर केंद्र के पास अनुरोध नवंबर 2021 में भेजा गया था. जिसे सहमति नहीं मिल पायी. पहले दौर की बैठक के बाद केंद्र से झारखंड सरकार के पास फोन ही नहीं आया. राज्य सरकार की तरफ से संताल हूल विषय और एक अन्य विषय पर आधारित झांकी का प्रस्ताव भेजा गया था. केंद्र सरकार के पास चार से पांच बार आंचलिक स्तर पर बैठकें कर राज्यों की झांकी की स्क्रीनिंग कर उसका चयन किया जाता है. पहली बैठक में झारखंड सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग की टीम ने शिरकत की थी. इसके बाद झारखंड सरकार के पास कोई फोन ही नहीं आया. सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक राजीव लोचन बख्शी ने न्यूज 11 को बताया कि केंद्र से सहमति नहीं मिलने से झारखंड की झांकी इस बार राजपथ में नहीं दिखेगी. 

 

2015 के बाद से नहीं दिख रही है झारखंड की झांकी

 

जानकारी के अनुसार 2015 में अंतिम बार राजपथ पर झारखंड की झांकी दिखी थी. उस समय झारखंड में भाजपा की सरकार थी. 2014 में मालूटी ग्राम और मंदिर पर आधारित झांकी राजपथ पर प्रदर्शित की गयी थी. उसके बाद से यह लगातार छठा वर्ष है, जब झारखंड की झांकी का दीदार दिल्ली के राजपथ से नहीं होगा. यह बड़ा मामला है, जब झारखंड की झांकी नहीं निकलने पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है. यहां यह बताते चलें कि पश्चिम बंगाल की झांकी, जो नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर आधारित थी के कैंसल होने पर खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार से बातचीत की थी. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र और ट्वीटर के जरिये बंगाल की झांकी निकालने का अनुरोध तक कर दिया था.

 

इस वर्ष गणतंत्र दिवस झांकियों की थीम India@75

 

जहां तक बात किसी झांकी को चुनने या छांटने की प्रक्रिया की है तो रक्षा मंत्रालय ने जो चिट्ठी लिखी है, उसमें कहा है कि झांकियों की चयन प्रक्रिया बेहद जटिल है जिसमें बहुत वक्त लगता है. इसमें कहा गया है कि रक्षा मंत्रालय सर्वोत्तम प्रस्तावों के चयन के लिए कला के विभिन्न क्षेत्रों से प्रतिष्ठित शख्सियतों की एक समिति बनाता है ताकि समय रहते झांकियों की चयन प्रक्रिया की शुरुआत हो जाए. मंत्रालय की चिट्ठी में इस वर्ष के गणतंत्र दिवस की झांकियों का थीम भारत की आजादी के 75 वर्ष (India @75) रखा था. 

 


 

इसके तहत पांच विषयों पर झांकियों का प्रस्ताव मांगा गया था

 

-भारत की आजादी के 75 वर्ष- स्वतंत्रता आंदोलन (India@75 Freedom Struggle)

- आजादी के 75 वर्ष- विभिन्न विचार (Ideas @75)

- आजादी के 75 वर्षों में हासिल उपलब्धियां (Achievements @75)

- आजादी के 75 वर्ष के कार्य (Actions @75)

- आजादी के 75 वर्ष के संकल्प (Resolve @75)

 

इन विषयों पर आधारित झांकियों के निर्माण को लेकर भी विस्तृत निर्देश दिए गए हैं. इसमें कहा गया है-

 

- झांकी निर्माण की प्रक्रिया में प्रतिष्ठित संस्थाओं के योग्य युवा डिजाइनरों को शामिल किया जाए

- डिजाइनर झांकियों की कड़ाई से नियमित देखरेख करें

- तस्वीरें या वस्तुएं बिल्कुल साफ-साफ दिख जाएं, इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक डिस्प्ले वॉल्स का उपयोग करें

- मेकाट्रोनिक्स/रोबोटिक्स जैसे मूविंग एलिमेंट्स का उपयोग करें

- घने/छायादार हिस्से को दिखाने के लिए LED लाइटिंग का इनोवेटिव यूज करें

- संगीत की आवाज संतुलित रखें

- कुछ खास तत्वों के चित्रण के लिए 3D प्रिंटिंग का सहारा लें

- झांकियों के लिए पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं का उपयोग करें

- परेड के बाद झांकियों को महत्वपूर्ण स्थान पर प्रदर्शित करने की संभावना पर विचार करें ताकि गाढ़ी मेहनत से तैयार रचना को कुछ और लोग निहार सकें

- जहां तक संभव हो प्लास्टिक या प्लास्टिक निर्मित उत्पादों के उपयोग से बचें

- ऑगमेंटेड रियेलिटी/वर्चुअल रियेलिटी जैसी तकनीकों का उपयोग करें

- झांकी के ऑप्टिक्स/विजुअल इफेक्ट को शानदार बनाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स का यथासंभव उपयोग करें

 

समझें झांकी की विस्तृत चयन प्रक्रिया

 

रक्षा मंत्रालय की चिट्ठी में चयन प्रक्रिया की जाकारी भी विस्तृत जानकारी दी गई है. इसमें कहा गया है, 'कला, संस्कृति, चित्रकारी, मूर्ति कला, संगीत, वास्तुकला, नृत्य आदि क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों की एक एक्सपर्ट कमिटी कई बैठकों में झांकियों के लिए मिले प्रस्तावों पर विचार करती है. पहले चरण के चयन में प्रस्तावों के स्केच, डिजाइन की छंटनी की जाती है और जरूरत पड़ने पर इनमें बदलाव के सुझाव दिए जाते हैं. स्केच, डिजाइन को अप्रूवल मिल जाने के बाद प्रस्ताव के थ्री-डाइमेंशनल मॉडल की मांग की जाती है. कमिटी इन मॉडलों के फाइनल सेलेक्शन के लिए विभिन्न पैमानों पर परखती है. प्रस्ताव भेजने वाले किसी भी भागीदार को एक से ज्यादा झांकी का पेश करने की अनुमति नहीं दी जाती है।'

 

इसमें कहा गया है, 'किसी झांकी का चयन कई कारकों पर निर्भर करता है. चयन प्रक्रिया आम तौर पर अलग-अलग दिन आयोजित छह-सात या इससे भी ज्यादा बैठकों में पूरी होती है. हर बैठक में कुछ बदलाव के निर्देश दिए जा सकते हैं. उसी पर्टिसिपेंट को अगली मीटिंग में बुलाया जाता है जिसका प्रस्ताव पहले की मीटिंग में खारिज न किया गया हो. अगर कोई पर्टिसिपेंट मीटिंग में भाग नहीं लेता है तो यह मानकर कि उसने अपना प्रस्ताव वापस ले लिया, उसे अगली मीटिंग का न्योता नहीं दिया जाता है.'
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