न्यूज11 भारत
रांचीः झारखंड हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता को बंगाल पुलिस ने रविवार की देर शाम 50 लाख रुपए नकद के साथ गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने सोमवार को इसकी पुष्टि की. उन्होंने बताया कि पेशे से वकील और रांची निवासी राजीव कुमार जनहित याचिका वापस लेने के एवज में कोलकाता के एक व्यवसायी से 50 लाख रुपये ले रहे थे. उस वक्त बड़ाबाजार इलाके से उन्हें गिरफ्तार किया गया. मुरलीधर शर्मा के अनुसार, कोलकाता के एक व्यवसायी के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी. इस याचिका को वापस लेने के लिए उससे 10 करोड़ रुपए मांगे गए. शुरुआती बातचीत में चार करोड़ फिर घटकर एक करोड़ पर आ गया. कल (रविवार को) 50 लाख की पहली किस्त का भुगतान व्यवसायी द्वारा किया गया था और उक्त वकील को रंगे हाथों पकड़ा गया है. शर्मा द्वारा यह भी बताया गया कि शुरुआती जांच में यह भी पता चला कि राजीव कुमार ने उक्त व्यवयायी को केंद्रीय एजेंसियों का नाम लेकर धमकाया भी था. व्यवसायी से कहा था कि उसके केंद्रीय एजेंसियों से संबंध हैं और वह उसके घर और कार्यालय पर छापा डलवा सकता है.
600 अधिक जनहित याचिकाओं में उनका दिमाग
कोलकाता पुलिस के अनुसार प्रारंभिक पूछताछ में राजीव कुमार ने बताया है कि झारखंड हाईकोर्ट में 600 से अधिक जनहित याचिकाओं के पीछे उनका ही दिमाग है. मालूम हो कि वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव कुमार कई महत्वपूर्ण जनहित याचिकाओं में वकील हैं. वर्तमान में चर्चित झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खदान लीज आवंटन और शेल कंपनियों में निवेश को लेकर की गई याचिका में भी वे वकील हैं. खूंटी में हुए मनरेगा घोटाले में जनहित याचिका दायर करने वाले अरुण कुमार दुबे की तरफ से भी अदालत में राजीव कुमार ही पक्ष रख रहे हैं.