रांची: राष्ट्रीय कोयले संकट के बीच झारखंड से कोयले आपूर्ति में आयी कमी का सारा ठीकरा सीसीएल पर फोड़ गया है. केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी गुरूवार को सीसीएल अफसरों के साथ सीसीएल दरभंगा हाऊस में बैठक किया. केंद्रीय मंत्री ने सीसीएल को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि सीसीएल विगत 3 साल से दिए गए लक्ष्य को पूरा नहीं किया है. यह बहुत गंभीर मसला है. सीसीएल अफसरों ने इसके पीछे तर्क दिया कि ऐसा दो साल से कोरोना संकट के कारण हुआ है. इस बात से मंत्री भड़क गए. कहा कि कोरोना दो साल से है. मगर आपलोग तो विगत तीन-चार साल से ही तय लक्ष्य पूरा नहीं कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री ने सीसीएल अफसरों को कड़ी चेतावनी दी और कहा कि हर हाल में तय लक्ष्य पूरा किया जाए, नहीं तो इसका खमियाजा उठाना पड़ेगा. बताते चले कि केंद्र सरकार ने सीसीएल को 75 मिलियन टन कोयले उत्पादन का लक्ष्य दिया था. मगर केवल 62 मिलियन टन ही सीसीएल उत्पादन कर रहा है.
बैठक के अंदर उठी सार्वजनिक उपक्रमों को ठीक से कोयले आपूर्ति नहीं करने मामला
बैठक के अंदर सार्वजनिक उपक्रमों को कोयले की आपूर्ति ठीक से नहीं करने का मसला भी उठा. बैठक में इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर किया गया कि निजी कपंनियों को कोयले की आपूर्ति में सीसीएल, बीसीसीएल अधिक दिलचस्पी लेता है, मगर सार्वजनिक उपक्रमों को कोयले आपूर्ति में आना-कानी होती है. बैठक मे कोयले संकट के कारण उत्पन्न बिजली संकट को लेकर भी चर्चा हुई. सीसीसीएल के साथ बीसीसीएल को भी थर्मल पावर प्लांटों को ठीक ढंग से कोयले आपूर्ति का निर्देश दिया गया. केंद्रीय मंत्री स्पष्ट रूप से कहा कि बिजली आवश्यक सेवाओं में एक है. कोयले के कारण बिजली संकट उत्पन्न नहीं होना चाहिए.
पिपरवार के अशोका कोल परियोजना का किया निरीक्षण
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी रांची पहुंचने के बाद सीधे पिपवार पहुंचे. जहां पर उन्होंने अशोका कोल परियोजना का निरीक्षण किया. उन्होंने देखा कि कई खदान में पानी भरा है. उन्होंने अफसरों को जल्द से जल्द पानी डिस्चार्ज करवा कर उत्पादन शुरू करने का निर्देश दिया.