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रांचीः झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन सदन के बाहर विपक्ष दल के विधायकों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया वहीं सत्तापक्ष के विधायकों ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. बता दें, सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले बीजेपी विधायकों ने पोस्टर के बैनर तले राज्य सरकार को घेरने की कोशिश की.
बच्चों के नाम खड़ियाली आंसू बहा रहा विपक्ष- सुदीव्य सोनू
इधर, सत्तापक्ष के कई विधायकों ने राज्य सरकार के सामने अपनी मांगें रखी. इस बीच गिरिडीह से जेएमएम विधायक सुदीव्य सोनू बीजेपी पर जमकर बरसे. उन्होंने कहा कि झारखंड की जनताओं की भावनाओं के अभिव्यक्ति का सदन आक्रमकता तो जिद्द के मोर्चे पर देश की सीमाओं पर दिखाई जाती है. वक्तव्यों में अगर तथ्य होंगे तो चिल्लाने की जरुरत नहीं पड़ती है. पर जब चिल्लाया जा रहा है तो इसका मतलब वक्तव्यों में कोई तथ्य नहीं है. साथ ही जोर से बोलने से झूठ सत्य नहीं हो जाता. बीजेपी पर निशाना साधते हुए विधायक ने कहा कि बीजेपी ने परोक्ष दरवाजे से न्यायपालिका की शरण लेकर नियोजिन नीति को रद्द करवा दिया. साथ ही जिन 7 लाख बच्चों का डेढ़ साल बर्बाद हुआ उनका दोषी कौन है. क्या कोर्ट ने स्वतः उनका संज्ञान लिया था. उन्होंने कहा कि कोर्ट अगर स्वतः संज्ञान लेती तो हम मानते कि हमारी नीतियां गलत थी. इन्होंने (बीजेपी) परोक्ष दरवाजे से रमेश हंसदा को पिटीशनर बनाया. बिहार-यूपी के 11 लोगों को लाकर पिटीशनर बनवाकर नियोजन नीति को रद्द करवा दिया. और आज बच्चों के नाम पर खड़ियाली आंसू बहा रहे है.
इसी सत्र में नियोजन नीति लाएगी सरकार- दीपक बिरूआ
चाईबासा से जेएमएम विधायक दीपक बिरूआ ने कहा कि सरकार कह रही है कि नियोजन नीति इसी सत्र में लाया जाएगा. अगर सरकार यह नीति लाती है तो यह राज्य के हित के लिए बेहतर होगा. हमलोग चाहते है कि यहां के मूलनिवासियों को उनके हक में प्राथमिकता मिले. और राज्य निर्माण के समय से जो मांगे है वो पूरी हो.
खुलेआम लूटा जा रहा जमीन- लोबिन हेंब्रम
वहीं, बोरियो से जेएमएम विधायक लोबिन हेंब्रम ने अपने कंधे पर कांवर लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला. उन्होंने कहा कि सीएनटी,एसपीटी एक्ट राज्य के आदिवासियों और मूलवासियों का बचाव कवच है. ये अंग्रेजों के द्वारा बनाया गया कानून है हेंब्रम ने कहा कि यहां बहुत से ऐसे जमीन (सरना की जमीन, मसना की जमीन, भुईंहरी जमीन) है जिसे दिन-रात सिर्फ लूटा जा रहा है.