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रांचीः नॉलेज-वर्करों की सूची में झारखंड देश के राज्यों और केंद्र शासित राज्यों में नीचले पायदान पर है. झारखंड का स्थान सिक्कीम और मालद्वीप से आगे है. नीति आयोग के लेटेस्ट इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2021 की रिपोर्ट में यह जानकारियां सामने आयी हैं. ह्यूमन कैपिटल के मामले में झारखंड का नाम नॉलेज बेस्ड अर्थव्यवस्था में काफी नीचे गिर गया है. नीति आयोग की पोर्ट में ह्यूमन कैपिटल इंडेक्स और राष्ट्र के विकास के मानकों को क्षेत्रवार दिखाया गया है. चंडीगढ़ और दिल्ली नॉलेज बेस्ड वर्कर के स्पेश में सबसे ऊपर है. इन दोनों राज्यों का स्कोर 22.44 और 14.61 है. झारखंड का स्कोर 0.78 है. बिहार का स्कोर 1.77 है. नीति आयोग के इंडेक्स नोट्स में आधुनिक सोसाइटी और पाश्चात्य संस्कृति को शामिल किया गया है. क्षेत्रीय स्तर के ह्यूमन कैपिटल को देश और राज्य के आर्थिक विकास से जोड़ कर दिखाया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि झारखंड में सिर्फ 1.1 फीसदी महिलाएं ही उच्चतर शिक्षा के आधार पर नियोजित हैं. कुल नियोजित कामगारों में यह आंकड़ा देखा गया है. मानकों में राज्य में सघन रोजगार, स्वंयसेवी संस्थानों की भूमिका, एक लाख की आबादी में निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में शोध की इकाईयां, एक लाख की आबादी में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के आंकड़े और महिलाओं के नियोजन के मानक शामिल हैं.
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नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक अनुभव और विकास मामले में शोध और विकास के रणनीतिक योजनाएं भी ली गयी हैं. शोध और विकास के आधार पर विकसित देशों की प्रगति कैसे हो. इसको लेकर भी शोध एवं विकास के खर्च में प्रति व्यक्ति आय को शामिल किया गया है. जो सकल घरेलू उत्पाद के कैपिटा इनकम पर जोड़ी है. नीति आयोग के अनुसार भारत में प्रति व्यक्ति शोध और विकास के आंकड़े में सिर्फ 43 डॉलर बताया गया है. ब्रिक्स और आशियान देशों में रूस में यह आंकड़ा 285 डॉलर, ब्राजील में 173 डॉलर, मलयेशिया में 293 डॉलर पाया गया है. झारखंड के निजी क्षेत्रों में शोध और विकास की गणना में भी झारखंड का स्कोर 0.02 फीसदी है. दिल्ली का स्कोर 2.37 फीसदी, चंडीगढ़ का 2.08, गोवा का 1.92 स्कोर, तेलांगना में 1.44 स्कोर रहा है. इंडिया इनोवेशन इंडेक्स 2021 के तहत शोध एवं विकास के मामले में सकल घरेलू उत्पाद का दो फीसदी है.