न्यूज11 भारत
रांची: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) का खेल ही बहुत कमाल का है. जेबीवीएनएल की सारी सख्ती केवल आम कंज्यूमर पर ही चलती है. जबकि उनके बड़े बल्क कंज्यूमर पर नहीं. एक ओर जहां आम कंज्यूमर से 5 से 10 हजार रुपये का बकाया होने पर उनका कनेक्शन काटा जाता है. मगर बड़े कंज्यूमर से उनसे पैसे लेने में कोई दिलचस्पी तक नहीं दिखती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. रांची सहित पूरे राज्य में विभिन्न मोबाइल कंपनियों को बिजली कनेक्शन जेबीवीएनएल ने दिया. मगर उसे विगत 3 वर्षों से बिजली बिल ही नहीं दिया. इसके कारण ये मोबाइल कंपनियां बिल का भुगतान नहीं कर रहे हैं. इस बात का खुलासा रिलायंस जीओ के स्टेट कॉडिनेटर रमेश ठाकुर आज बिलिंग एजेंसी के सामने उपस्थित होकर अपना दुखड़ा बयां किया. ठाकुर ने कहा कि उन लोगों को हर सप्ताह रिपोर्ट भेजनी पड़ती है कि किस मद में कितना खर्च हुआ. बिजली बिल नहीं मिलने के कारण वे लोग बिजली मद का रिपोर्ट नहीं भेज पा रहे हैं. इसलिए वे दूसरी कंपनी के बारे में नहीं जानते मगर उनके कंपनी को बिजली बिल दिया जाए. इससे दुखद और क्या हो सकती है कि बड़े बल्क कंज्यूमर बिजली बिल को लेकर बिलिंग एजेंसी और बिजली अफसरों से चिरौरी काट रहे हैं.
मोबाइल टावरों पर जेबीवीएनएल का बकाया 300 करोड़
रांची सहित पूरे झारखंड में विभिन्न कपंनियों के मोबाइल टॉवर हैं. जिनका बिलिंग 1 वर्ष से 3 वर्ष तक नहीं हुआ है. एक आंकड़े के अनुसार विभिन्न मोबाइल टावरों पर जेबीवीएनएल का करीब 300 करोड़ रूपए बकाया है.
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इन कंपनियों के इतने हैं मोबाइल टावर
रांची सहित पूरे झारखंड में रिलायंस जीओ के करीब 3000, एयरटेल के 1700-2500, बीएसएनएल के 3,500 मोबाइल टावर हैं. जिनका बिलिंग वर्षों से नहीं हुआ है. इसके कारण ये कंपनियां न तो अपना हिसाब-किताब दुरूस्त रख पा रहे हैं और न ही नियमित तौर पर जेबीवीएनएल को भुगतान ही कर पा रहे हैं.