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रांची/डेस्कः JBVNL (झारखंड बिजली वितरण निगम) की तरफ से राज्य में हर 6 महीने में अधिक बिजली बिल के बकायादारों की सूची तैयार की जाती है इसके साथ ही उन्हें बिजली बिल का भुगताने करने को लेकर नोटिस भी भेजा जाता है जिसमें राज्य के कई सरकारी कार्यालय के साथ निजी उद्योग के अलावे कई अन्य कंपनिया शामिल होती है. हालांकि जेबीवीएनएल की तरफ से प्रत्येक महीने बिजली बिल के बकाये और बिजली चोरी के खिलाफ अभियान भी चलाया जाता है जिसमें बिजली की चोरी करने वालों के विरूद्ध जेबीवीएनएल की तरफ से सख्त कार्रवाई की जाती है.
अब इसी क्रम जेबीवीएनएल ने राजधानी रांची, कोल्हान और जमशेदुपर समेत कई जगहों पर कई ऐसे बकायेदारों की सूची तैयार करके उन्हें नोटिस भेज दिया है जिन्होंने अबतक बिजली बिला का करोड़ों रुपए बकाया जमा नहीं किया है. इन्हें अलग-अलग समय पर आपूर्ति दफ्तर की तरफ से नोटिस भेजा गया है जिन्हें किसी भी हाल में बिजली बिल चुकता करने का आग्रह किया गाय है. नोटिस में उन्हें यह भी बताया गया है कि वे इसका भुगतान किस्त में भी कर सकते है JBVNL (झारखंड बिजली वितरण निगम) की माने तों राज्य के तीन जिले ऐसे हैं जहां से निगम को करोड़ों रुपए के राजस्व की वसूली होगी.
बात करें राजधानी रांची की तो यहां कई सरकारी कार्यालय है जहां करोड़ों रुपए का बिजली बिल बकाया है जिनसे निगम को वसूली करनी है. इसमें कुछ धार्मिक स्थलें भी शामिल हैं राजधानी में सबसे अधिक बिजली बिल का बकाया 5 लाख 24 हजार रुपए रांची SSP कार्यालय से है. इसके साथ ही बीजेपी नेत्री और पूर्व मंत्री लुई मरांडी के आवास का 15 लाख बकाया बिजली बिल है. जबकि 52 लाख रुपए आड्रे हाउस, 30 लाख रुपए का बिजली बिल रांची नगर निगम से बकाया है इसके साथ ही निलंबित आईएएस पूजा सिंघल के आवास, कांके रोड स्थित कृषि भवन सहित कई सरकारी आवास और कार्यालयों का भी करोड़ों रुपए का बकाया है.
JBVNL (झारखंड बिजली वितरण निगम) ने जमशेदपुर के साथ कोल्हान और आदित्यपुर के कई विभिन्न कार्यालयों को भी बकाये बिजली बिल के लिए नोटिस जारी किया है. यहां सरकारी कार्यालयों में कुल 81 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है. सिर्फ आदित्यपुर विद्युत अवस प्रमंडल के अधीन आने वाले कई सरकारी विभाग और बड़े उद्योगों पर ही करीब 7 करोड़ रुपए से अधिक का बिजली बिल बकाया है. इसके अंतर्गत पीएचडी, जियाडा, नगर निगम और जेआरडीसीएल जैसे सरकारी विभागों के कार्यालय शामिल है. यहां के सरकारी विभागों के पास HT और LT कनेक्शन मिलाकर करीब 7 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है. वहीं करीब 1.10 करोड़ रुपए आदित्यपुर नगर निगम पर बकाया है. करीब 3. 20 करोड़ रुपए पीएचडी, 1.66 करोड़ रुपए जियाडा और करीब 45 लाख रुपए का बिजली बिल बकाया जेआरडीसीएल पर है.
आपूर्ति कार्यालयों के मुताबिक, अगर कोई बिजली बिल के एकमुश्त का भुगतान नहीं कर पाता है तो ऐसी स्थित में उनके लिए किश्तवार बिजली बिल का भुगतान करने की भी व्यवस्था है जिसका लाभ वे ले सकते हैं अधिकारियों के अनुसार, मार्च महीने में राजस्व वसूली का दबाव निगम के ऊपर रहता है जिसे देखते हुए सभी संबंधित विभागों और कार्यालयों को नोटिस भेज दिया जाता है. इसके अलावे समय के रहते हुए अगर उनके द्वारा बिजली बिल के बकाये का भुगतान नहीं किया जाता है तो उनका बिजली का कनेक्शन काट दिया जाएगा.