चालू वित्तीय वर्ष के बजट में 200 करोड़ रूपए का किया गया प्रावधान, अप्रैल खत्म मगर नहीं सरकार ने नहीं दिया अब तक पैसा
न्यूज़ 11 भारत
रांची: चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में बिजली वितरण सुधार को लेकर जेबीवीएनएल को 200 करोड़ रूपए का बजटीय प्रावधान किया गया था. मगर अप्रैल का पूरा माह बीत जाने के बाद भी यह राशि जेबीवीएनएल को नहीं मिला है. इसके कारण अभी तक जेबीवीएनएल अपना वार्षिक प्लान तक नहीं बना पाया है. जून से बारिश का मौसम शुरू हो जाएगा. बारिश में कोई काम नहीं होगा. इसके कारण इस बार बारिश में फिर लोकल फॉल्ट के कारण बिजली कट जैसी समस्या से जनता को रूबरू होना पड़ सकता है. अगर मई में भी पैसा नहीं जेबीवीएनएल को ट्रांसफर नहीं किया गया तो फिर नहीं लगता है कि बारिश में बिजली वितरण सुधार को लेकर कोई काम शुरू हो पाएगा. फिर बारिश बाद अक्तूबर-नवंबर में ही कार्य शुरू हो पाएगा. इसका सीधा असर बिजली आपूर्ति पर पड़ेगा.
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बिजली वितरण सुधार को लेकर होने हैं कई कार्य
रांची सहित पूरे राज्य में बिजली वितरण सुधार से जुड़े कई कार्य हर वर्ष कराए जाते हैं. जिससे बारिश के दिनों में लोकल फॉल्ट जैसी समस्या से निजात मिल सके. इस मद में नया सबस्टेशन निर्माण, पुराने सबस्टेशन की क्षमता बढ़ाना, उसका ऑपरेशन-मेटनेंनस, नए तार खरीदना, ट्रांसफर रिपयरिंग के लिए ऑयल खरीदी, बिजली के कंभे खरीदने, नए ट्रांसफरमर खरीदने जैसे कई कार्य किए जाते हैं. जिससे बिजली वितरण से जुड़े उपकरणो में सुधार होता है. मगर अब तक बजटीय प्रावधान का पैसा नहीं मिलने से चालू सीजन में इसका कार्य शुरू होने की संभावना बहुत ही कम ही दिख रही है.
जरूरी-आवश्यक बिजली उपकरणों की स्टोर रूम में कमी
रांची सहित राज्य के सभी स्टोर रूम में बिजली वितरण और ऑपरेशन मेटेनेंनस से जुड़ी समानों की भारी कमी हो गयी है. जानकारी के अनुसार टीआरडब्लू (ट्रांसफारम रिपयरिंग वर्कशॉप) में ट्रांसफारमर मरम्मति के लिए जरूरी समाग्री ऑयल की भारी कमी हो गयी है. बारिश के दिनों में ट्रांसफारमर जलने और खराब होने के मामले बहुत बढ़ जाते हैं. इसके अतिरिक्त आंधी-पानी में बिजली के तार और खंभे भी गिरते हैं. इसकी कमी भी स्टोर रूम में देखी जा रही है. नए ट्रांसफारमरों की भारी कमी जेबीवीएनएल के पास हो गयी है. यानि की बारिश के दिनों में ऑपरेशन-मेटनेंनस में जेबीवीएनएल को भारी दिक्कतें हो सकती हैं.