आशीष शास्त्री, न्यूज11 भारत
सिमडेगा: एक बार फिर निजी अस्पताल की मनमानी सिमडेगा में देखने को मिली, जहां निजी अस्पताल ने बिना अनुमति महिला का ऑपरेशन कर डाला. जिसके बाद मरीज की मौत होने पर परिजनों को शव देने के लिए पैसे के लिए परेशान भी किया गया.
सिमडेगा शहरी क्षेत्र के चर्च रोड स्थित जनता अस्पताल कहने को तो ये जनता अस्पताल है लेकिन आज यहां अस्पताल की मनमानी देखने को मिली. सुदुर टैसेरा तुरी टोली गांव से दीपक तुरी नामक एक व्यक्ति अपनी गर्भवती पत्नी अमृता जिसका बच्चा पेट में मर चुका था उसे इलाज के लिए यहां लाया, उसके बाद अस्पताल की मीटर भी चालू हो गई. अस्पताल ने महिला का ऑपरेशन भी किया, जिसके छह दिनों के बाद महिला की मौत अस्पताल हो गई. तब यह निजी अस्पताल ने अपना रंग दिखाते हुए मृत्तिका के पति को पैसे चुका कर शव ले जाने को कहा. मृत्तिका का पति शोक और गरीबी से परेशान था, उसकी परेशानी ने इस मामले को प्रकाश में लाया. मृत्तिका के पति दीपक तुरी ने बताया कि अस्पताल लाते के साथ ही उसने 23 हजार रूपए जमा कर दिए. बीच में इलाज चलता रहा लेकिन जैसे हीं उसकी पत्नी की मौत हुई वैसे हीं अस्पताल प्रबंधन उनसे और 35 हजार की डिमांड करने लगा. अस्पताल प्रबंधन ने मृतक के पति से शव देने के पहले पैसे जमा करने का दबाव बनाया. इसके बाद मरता क्या न करता, परेशान दीपक पैसों की जुगाड में दौड़ने लगा. मामला मीडिया तक पंहुचा तो सारा मामला प्रकाश में आया.
मामला प्रकाश में आने के बाद इस जनता अस्पताल का एक खुलासा और हुआ कि इसके पास ऑपरेशन करने का अनुमति नहीं है. ऐसे में यहां ऑपरेशन होना बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. अस्पताल प्रबंधन दानिश इस मामले में खुद को पाक साफ बता रहे हैं कि रिम्स के डॉ अनिस बखला के निर्देश में ऑपरेशन हुआ था, ये भी बड़ा सवाल है कि रिम्स के डॉक्टर 160 किलोमीटर दुर सिमडेगा के निजी अस्पताल में ऑपरेशन कैसे किए.
बिना अनुमति निजी अस्पताल मनमानी कर ऑपरेशन कर दिया और मरीज की मौत के बाद पैसे के लिए शव रोकना गंभीर मामला है. पूरे मामले पर जिला स्वास्थ विभाग ने जांच बैठा दी है. सिविल सर्जन डॉ पीके सिन्हा ने कहा कि जांच कर अस्पताल को सील कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने ये भी कहा कि रिम्स के डॉक्टर यहां आकर ऑपरेशन किए तो ये भी जांच का मामला है, पूरे मामले की जांच के लिए कमेटी बैठा दी गई है.
निजी अस्पताल के मनमानी पर जांच कमेटी बैठा दी गई है. इस पर आगे क्या कार्रवाई होती है ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन ये तो महज एक बानगी है ऐसे ही और भी निजी संस्थाएं मनमाने तरीके से आपदा को अवसर बनाने में लगी है. इन सब पर भी सरकार को एक बड़े स्तर पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है, जिससे आए दिन इलाज के नाम पर हुई मौत के बाद पैसे के लिए परिजन नहीं मरें.