न्यूज11 भारत
इसरो लगातार अंतरिक्ष में नए-नए कीर्तिमान रच रहा है. बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए बनाए गए संचार उपग्रह जीसैट-24 का फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू से बुधवार को सफल प्रक्षेपण किया. खबरों के मुताबिक DTH सेवा देने वाली कंपनी टाटा प्ले को इस संचार उपग्रह की पूरी क्षमता का उपयोग करने की स्वीकृति दी गयी है. एनएसआईएल ने ‘टाटा प्ले’ को यह क्षमता लीज पर दी है.बता दें कि फ्रेंच कंपनी एरियनस्पेस (Arianespace) ने भारत के संचार उपग्रह जीसैट-24 (GSAT-24) को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में इसकी कक्षा में स्थापित किया.
क्या है GSAT-24 उपग्रह?
जीसैट-24 उपग्रह 24-केयू बैंड वाला एक संचार उपग्रह है, जिसका वजन 4180 किलोग्राम है. यह ‘डीटीएच’ सेवा संबंधी जरूरतों को पूरा करेगा. GSAT-24 उपग्रह को इसरो ने अपनी वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (एनएसआईएल) के लिए बनाया है. NSIL का गठन मार्च 2019 में किया गया था.
जीसैट-24 अगले 15 सालों तक काम करेगा और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर टाटा प्ले को अपनी सेवाएं देगा. दावा किया गया है कि इसकी मदद से टाटा प्ले पूरे भारत में और भी बेहतर डीटीएच सेवाएं दे पाएगा. मालूम हो कि एरियन स्पेस से 25वां भारतीय सैटेलाइट लॉन्च किया गया है. एरियनस्पेस ने अभी तक 11 जीसैट-24 सैटेलाइट्स लॉन्च किए हैं.
एनएसआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक राधाकृष्णन दुरईराज ने बताया- ‘‘संपूर्ण मिशन पूरी तरह से एनएसआईएल द्वारा वित्त पोषित है जिसमें - उपग्रह, प्रक्षेपण, प्रक्षेपण अभियान, बीमा, परिवहन, कक्षा में रखरखाव आदि शामिल है. उपग्रह के कक्षा में स्थापित होने के बाद यह पूरी तरह से एनएसआईएल के स्वामित्व वाला होगा. हम ही इस उपग्रह का संचालन करेंगे.’’