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रांचीः झारखंड के 72 अंगीभूत कॉलेजों में 2023-24 शैक्षणिक सत्र से इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी. राज्य सरकार अपने प्लस-2 स्कूलों में ही इंटरमीडिएट की पढ़ाई करायेगी. राज्यभर में 635 प्लस-2 उच्च विद्यालय हैं, अब इन स्कूलों में प्लस-2 की पढ़ाई करायी जायेगी. इसके लिए कक्षाओं को दुरुस्त करते हुए आधारभूत संरचना को ठीक किया जायेगा. स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग इस निमित्त दो अरब रुपये खर्च करेगी. इसके लिए बजट में प्रावधान किया जा रहा है.
बता दें, झारखंड के 72 ऐसे अंगीभूत कॉलेज हैं, जहां बच्चे इंटर में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से प्लस-2 स्कूलों में शिफ्ट किया जायेगा. इंटरमीडिएट की पढ़ाई कर रहे ऐसे छात्रों की संख्या एक लाख से अधिक है. नयी नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत प्लस-2 इंटरमीडिएट की पढ़ाई अब स्कूलों में ही की जानी है. इसको लेकर आवश्यकता के अनुरूप संसाधन तय किया जा रहा है. सरकार की ओर से दो सौ करोड़ रुपये से प्लस-2 विद्यालयों में 25 सौ से अधिक क्लास रूम बनाये जायेंगे. 635 प्लस-2 स्कूलों में से 59 ऐसे विद्यालय हैं, जो अविभाजित बिहार के समय से इंटरमीडिएट स्कूल के रूप में काम कर रहे हैं.
आंकड़ों के अनुसार झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) की तरफ से ली जानेवाली मैट्रिक की परीक्षा में सात लाख स्टूडेंट्स मैट्रिक की परीक्षा पास करते हैं. उनके इंटरमीडिएट में एडमिशन लेने के द कक्षाओं में कमी न हो. इसका विशेष ध्यान रखना होगा. सरकार प्लस-2 स्कूलों को अपग्रेड भी किया जायेगा. इंटर में एडमिशन में दिक्कत न हो इसके लिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्लस टू स्कूलों में क्लासरूम बनाने के साथ हाईस्कूलों को भी प्लस टू स्कूलों में अपग्रेड किया जाएगा. इसके लिए भी प्रस्ताव तैयार किए गए हैं.
अगले वित्तीय वर्ष में 325 हाईस्कूल ऐसे हैं जिन्हें प्लस टू में अपग्रेड किया जायेगा. इन स्कूलों में प्रयोगशाला, कंप्यूटर कक्ष, पुस्तकालय व क्लासरूम बनेंगे. इसके साथ ही अनुमति प्राप्त इंटर कॉलेज भी अगले वर्ष से प्लस टू बनेंगे. इंटर कॉलेज होने से केवल 11वीं और 12वीं की पढ़ाई होती है. प्लस टू स्कूल होने पर क्लास नौवीं और 10वीं की भी पढ़ाई करायी जा सकेगी.