इंजीनियरिंग कॉलेज से नहीं कराई जांच, दोषियों पर कार्रवाई करने के बजाए, गड़बड़ी को छुपाने में जुटा पेयजल विभाग
न्यूज 11 भारत / अमित सिंह
रांची: पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को चंद इंजीनियरों ने हाईजैक कर लिया है. ऐसे इंजीनियर घोटाला, वित्तीय अनियमितता और कार्य में लापरवाही जैसे आरोप में फंसे विभागीय इंजीनियरों को बचाने का काम कर रहे है. पेयजल विभाग के इंजीनियरों की अनोखी इंजीनियरिंग का एक और उदाहरण सामने आया है. इसकी लिखित शिकायत तेनुघाट के राजेश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय, निगरानी विभाग, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो आदि में किया है. उन्होंने अपनी शिकायत में बताया है कि पेयजल विभाग के इंजीनियर खुद को बचाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं. 18 करोड़ की लागत से तैयार होने वाले चतराचट्टी जलापूर्ति योजना का इंटेक वेल झुक गया था. इंटेक वेल बनाने पर सरकारी खर्च तकरीबन 4 करोड़ रुपए आया था. बारिश हुई, और इंटेक वेल झुक गया, जिस वजह से 3000 घरों को वाटर कनेक्शन देने की योजना पर पानी फिर गया. इसके पीछे सिर्फ एक वजह से विभागीय इंजीनियरों की लापरवाही. इस घटना की विभागीय जांच भी चल रही है. जांच में इंटेक वेल को झुका पाया गया है. मगर इसके लिए किसी को दोषी नहीं ठहराया गया. इंटेक वेल झुकने के लिए तेज बारिश को कारण बताया जा रहा है. जबकि इंटेक वेल झुकने की सिर्फ एक वजह है जो खराब इंजीनियरिंग है. जिम्मेवार इंजीनियरों ने इंटेक वेल बनाने का सही स्थान नहीं चुना. श्वायल टेस्टिंग की खानापूर्ति की गई. शिकायतकर्ता ने बताया है कि चतरोचट्टी जलापूर्ति योजना में पेयजल विभाग के एक बड़े अफसर की पत्नी पार्टनर है. पत्नी की एजेंसी से ही संभवत: ड्राइंग डिजाइन पास हुआ है. काम में भी संवेदक के साथ अघोषित रूप से हैं. इसलिए संवेदक अपने खर्च पर नए स्थान पर करोड़ों का इंटेक वेल तैयार करवा रहा है. वह भी विभागीय इंजीनियरों के साथ मिलकर. इस संबंध में विभाग के कई जिम्मेवार अफसरों से बातचीत की गई, मगर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.
एसीबी से पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह
शिकायतकर्ता ने बताया है कि अब झुके हुए इंटेक वेल की जगह, दूसरे स्थान पर नाया इंटेक वेल बन रहा है. यह इंटेक वेल विभागीय खर्च पर नहीं, संवेदक अपने खर्च पर बना रहा है. झारखंड में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है. जबकि संवेदक इंटेक वेल झुकने के लिए दोषी नहीं है. क्योंकि विभागीय इंजीनियरों ने अपनी देखरेख में इंटेक वेल का निर्माण कराया था. जानकारी के अनुसार, इंटेक वेल झुकने के मामले में कई इंजीनियर फंस सकते है. वहीं विभाग के एक वरीय अफसर की पत्नी का नाम चतरोचट्टी जलापूर्ति योजना से जुड़ा हुआ है. इसलिए अफसरों और इंजीनियरों की दबाव में संवेदक अपने खर्च पर नया इंटेक वेल बनाकर इतनी बड़ी गड़बड़ी को छुपाने का काम कर रहा है. शिकायतकर्ता ने पूरे मामले की जांच भ्रष्टाचार निगरानी ब्यूरो से कराने का आग्रह किया है.
जाने क्यों है पूरा मामला, कैसे झुक गया इंटेक वेल, कौन है दोषी?
-पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसकी वजह से 1500 घरों के जलापूर्ति बंद हो गई है. वहीं 3000 हजार घरों को वाटर कनेक्शन देने और जलापूर्ति की योजना अधर में लटक गई है. पेयजल एवं स्वच्छता तेनुघाट प्रमंडल के तहत चतरोचट्टी ग्रामीण जलापूर्ति योजना का काम हो रहा है. यह जलापूर्ति योजना 18 करोड़ रुपए लागत की है.
-जलापूर्ति योजना के तहत वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, दो ओवर हेड वाटर टावर सहित कई कार्य हुए है. योजना का ट्रायल रन चल रहा था, तभी कोनार नदी के नजदीक बना इंटेक वेल झुक(Tilt) गया. जिस वजह से योजना के तहत 1500 घरों को शुरू की गई जलापूर्ति को बंद करना पड़ा.
-पेयजल विभाग के जिम्मेवार इंजीनियर इंटेक वेल झुकने की घटना को आपदा का हवाला देते हुए काम करने वाली एजेंसी को बचाने में जुट गए है. जबकि पेयजल विभाग के सेवानिवृत इंजीनियर का कहना है कि इंटेक वेल का झुकना सामान्य घटना नहीं है. इसके निर्माण के पहले मिट्टी आदि की जांच, भूकंप आदि का अध्ययन तक होता है, तब डिजाइन तैयार होता है. ऐसे में स्थल चयन में भी कई बातों की अनदेखी हुई होगी. तभी इंटेक वेल का मजबूत कंस्ट्रक्शन झुक गया.
तीन सदस्यीय इंजीनियरों की जांच टीम ने क्या पाया?
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग चतरोचट्टी जलापूर्ति योजना के इंटेक वेल झुकने (Tilt) की जांच कराई. तीन सदस्यीय इंजीनियरों की जांच टीम थी. इस टीम में दुमका के क्षेत्रीय मुख्य अभियंता सदानंद मंडल, धनबाद के अधीक्षण अभियंता मो. रेयाज आलम और रुपांकण के कार्यपालक अभियंता रामाधीन प्रसाद है. टीम के सदस्यों ने अपनी पहली जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप दिया है. टीम ने 5 जनवरी 2022 को इंटेक वेल का स्थल निरीक्षण किया.
जांच में पाया: तेज बारिश की वजह से झुक गया करोड़ों का इंटेक वेल
जांच में पेयजल विभाग की टीम ने पाया कि इंटेक वेल झुका है. मगर इंटेक वेल क्यों झुका? इस सवाल का जवाब जांच टीम के सदस्यों को भी नहीं मिल पाया है. जांच टीम जब स्थल निरीक्षण कर रही थी, उस समय तेनुघाट प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता रामप्रवेश राम और संवेदक संजय कुमार शर्मा सहित प्रमंडल के अन्य इंजीनियर भी उपस्थित थे. निरीक्षण के दौरान किसी भी इंजीनियर को इंटेक वेल के झुकने की वजह निर्माण में गड़बड़ी, गलत स्थल चयन आदि जैसे कारण नहीं दिखा. इंजीनियरों ने एक स्वर में इंटेक वेल झुकने का सबसे बड़ा दोषी तेज बारिश ठहराया. वहीं प्राकृतिक आपदा को इसके लिए दोषी मान रहे हैं.
जांच टीम ने इंजीनियरिंग कॉलेज से जांच कराने को कहा
जांच टीम ने Structure के RCC Portion के Sample की जांच राज्य अंतर्गत अवस्थित अभियंत्रण महाविद्याल से कराई जाए, ताकि पता चल सके कि Ingredient का Ratio design के अनुरूप है या नहीं. इसके अतिरिक्त Structure के एक पार्ट को तोड़ कर यह पता करने का निर्णय लिया गया कि reinforcement का Make, diameter, spacing आदि desigh के अनुरूप है या नहीं.
इंटेक वेल में पानी जमने की वजह से अधूरी है जांच
पेयजल विभाग की जांच टीम ने अपनी एक रिपोर्ट पेयजल विभाग के सचिव प्रशांत कुमार, अभियंता प्रमुख श्वेताभ कुमार सहित अन्य को सौपा है. टीम ने बताया है कि इंटेक वेल निर्माण स्थल के नजदीक से देखने पर पाया गया कि इंटेक वेल Tilt हो गया है. पानी के ऊपर पंप हाउस(Pump House) का कुछ भाग दिखाई दे रहा था. शेष भाग जलमग्न पाया गया. जिस वजह से इंटेक वेल का नर्माण अनुमोदित डिजाइन एंड ड्राइंग द्वारा निर्धारित स्थान पर हुआ है अथवा नहीं, इसका आकलन करना वर्तमान में संभव प्रतीत नहीं हो रहा है. इंटेक वेल का झुकाव पानी के धारा के विपरित दिशा में हुआ है, इससे ऐसा प्रतीत होता है कि Intak Well Scouring के कारण Tilt हुआ है. इंटेक वेल में तकरीबन 20 फीट पानी जमा हुआ है, जिस वजह से कई बिंदुओं पर जांच होना है.
जानें जांच टीम ने मुख्यालय को सौंपे अपनी रिपोर्ट में क्या कहा है
कार्य की गुणवक्ता: स्थल पर उपस्थित कार्यपालक अभियंता द्वारा बताया गया कि इंटेक वेल निर्माण सामग्रियों की गुणवक्ता वांछित Specification के अनुरूप कया गया हैं. उनके द्वारा यह भी बताया गया कि निर्माण सामग्रियों की गुणवक्ता की जांच एवं Concret mix का Design कराया गया है. निर्माण के दौरान Cube Test भी कराया गया है.
कार्य का प्रर्यवेक्षण नहीं होने के कारण: निर्माण कार्य के दौरान कार्य का पर्यवेक्षण संबंधित फोटोग्राफ कार्यपालक अभियंता द्वारा उपलब्ध कराया गया है. लेकिन इंटेक वेल निर्माण के विभिन्न चरणों का फोटोग्राफ उपलब्ध नहीं होने के कारण यह पता नहीं चल सका कि इंटेक वेल के नींव को Scouring depth के नीचे तक खुदाई की गई या नहीं.
प्राकृतिक आपदा के कारण: इंटेक वेल के design के सभी सभी प्रकार के फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है, जिससे तेज हवा एवं पानी की गति के अलावे भूकंप आदि का प्रभाव भी सम्मित रहता है. इस इंटेक वेल का निर्माण कोनार डैम के UP stream side में किया गया है. दिनांक 30-31 जुलाई 2022 को अत्यधिक वर्षा होने के कारण डैम के UP stream side में जल स्तर अचानक बढ़ जाने तथा डैम के सभी नौ गेट खोल देने के कारण इंटेक वेल के पास पानी की गति सामान्य से अधिक होने से इंकार नहीं किया जा सकता है.