हजारीबाग में कोविड के समय 32 लाख का किया था ई-नाम पोर्टल ने कारोबार
न्यूज11 भारत
रांची: नेशनल ई मार्केटिंग (ई-नाम) पोर्टल से राजधानी रांची के एक लाख किसानों को जोड़ा जायेगा. अभी तक कृषि बाजार प्रांगण समिति पंडरा से संचालित रांची के ई-नाम पोर्टल से मात्र चार हजार किसानों को ही जोड़ने में सफलता मिली है. किसानों के साथ यह समस्या आ रही है कि वे ई-नाम पोर्टल से जुड़ना तो चाहते हैं, पर वे अपना आधार कार्ड और बैंक खाते का डिटेल्स नहीं दे रहे हैं. किसानों का कहना है कि साइबर फ्राड से कई किसानों की गाढ़ी कमाई अपराधियों ने उनके बैंक खाते से उड़ा लिये हैं. ऐसे में ई-नाम पोर्टल से जुड़ने में वे संकोच कर रहे हैं.
झारखंड के 18 जिलों को केंद्र सरकार ने शामिल किया है महात्वाकांक्षी जिलों की सूची में शामिल किया है. इसमें बोकारो, दुमका, पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा, गिरिडीह, गुमला, हजारीबाग, लोहरदगा, पाकुड़, पलामू, रामगढ़, रांची, साहेबगंज, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जिले शामिल हैं. राष्ट्रीय कृषि बाजार के तहत लघु किसानों को ईनाम पोर्टल से जोड़ कर उनके जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश की जा रही है.
महात्वाकांक्षी जिले को तत्कालीन प्रधानमंत्री ने शुरू की थी.
देश भर में ईनाम पर झारखंड ने पांचवां स्थान कोविड के दौरान हासिल किया था. झारखंड के निबंधित किसानों ने लॉकडाउन के तहत 226,347 क्विंटल खाद्यानों की ट्रेडिंग मंडी से की गयी थी. इसमें 32.05 लाख का कारोबार हुआ था. महाराष्ट्र के किसानों ने सबसे अधिक 3.37 करोड़ की ट्रेडिंग की थी. हजारीबाग जिले से ही ई-नाम पोर्टल में अधिक कारोबार किया था. कोविड के दूसरे चरण में विभिन्न जिलों के उपायुक्तों ने किसानों के तरबूज को एक साझा बाजार देने की कोशिश की थी. कोरोना काल में खंटी, रांची और अन्य जगहों के किसान अपने उत्पादनों को खेतों में ही नष्ट कर रहे थे.