Wednesday, May 8 2024 | Time 07:11 Hrs(IST)
 logo img
  • BJP प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी आज खूंटी में बूथ स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन को करेंगे संबोधित
  • पाकुड़ से हज के लिए जत्था रवाना
  • बराही धाम का वार्षिक महोत्सव, मां भगवती जागरण व भव्य भंडारे के साथ संपन्न
NEWS11 स्पेशल


मांडर उपचुनाव को लेकर जिप अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, प्रमुख व अन्य पदों का अप्रत्यक्ष निर्वाचन टला

मांडर उपचुनाव को लेकर जिप अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, प्रमुख व अन्य पदों का अप्रत्यक्ष निर्वाचन टला
न्यूज11 भारत




रांची: राजधानी में जिप अध्यक्ष-उपाध्यक्ष, प्रमुख, उप-प्रमुख व उप मुखिया के अप्रत्यक्ष निर्वाचन की तिथियों में संशोधन किया गया. अब 28 जून से लेकर 8 जुलाई 2022 तक आयोजन किया जाएगा. जिला परिषद अध्यक्ष का अप्रत्यक्ष निर्वाचन 29 जून को आयोजित होगा. पहले 14 से 25 जून तक निर्वाचन का आयोजन किया जाना था. मगर इसमें संशोधन किया गया है. इस संबंध में जिला पंचायत राज पदाधिकारी वीरेंद्र चौबे की ओर से सभी बीडीओ-सीओ, एसडीओ बुंडू, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी व डीडीसी को सूचना भेजी गई है. 

 


 

निर्वाचन आयोग से की गई थी अपील

 

त्रिस्तरीय पंचायत ( आम ) निर्वाचन -2022 के निर्मित उप मुखिया प्रमुख, उप प्रमुख, अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के अप्रत्यक्ष निर्वाचन से संबंधित निर्वाचन के लिए बैठक की तिथि में संशोधन करने को लेकर जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीसी छवि रंजन ने राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव को पत्र लिखा था. जिसमें कहा था कि आयोग के निर्देशानुसार निर्वाचन प्रक्रिया 14.06.2022 से 25.06.2022 तक निर्धारित की गई है. मगर मांडर विस उपचुनाव को लेकर शांतिपूर्ण एवं पूर्व निर्वाचन संपन्न कराने के लिए गठित 18 कोषांगों में सभी बीडीओ, सीओ, एसडीओ सदर व बुंडू और अन्य पदाधिकारी संलग्न है. मांडर निर्वाचन के लिए दिनांक 22.06.2022 को पोलिंग पार्टी का डिस्पैच, 23.06.2022 को मतदान और 26.06.2022 मतगणना की तिथि निर्धारित है. जिले के वर्तमान विधि व्यवस्था संधारण में भी उक्त पदाधिकारी संलग्न है. इसको लेकर डीसी ने विशेष परिस्थिति में अप्रत्यक्ष निर्वाचन की तिथि मांडर उपचुनाव के मतगणना समाप्ति के बाद रखने का प्रस्ताव है. ऐसे में आयोग को 28 जून से 08 जुलाई तक निर्वाचन की तिथि संशोधित करने का प्रस्ताव दिया था. जिसके बाद आयोग ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.
अधिक खबरें
लोहरदगा सीट पर इस बार होगा त्रिकोणीय मुकाबला, जनता के तराजू में किसका पलड़ा होगा भारी ?
मई 02, 2024 | 02 May 2024 | 8:26 AM

लोहरदगा लोकसभा के इस चुनावी दंगल में एनडीए से बीजेपी ने समीर उरांव और इंडिया गठबंधन की तरफ से कांग्रेस ने सुखदेव भगत को अपना प्रत्याशी के रुप में उतारा है. जबकि इस सीट से जेएमएम पार्टी के बागी नेता और बिशुनपुर विधायक चमरा लिंडा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. यानी लोहरदगा लोकसभा सीट में इन तीनों प्रत्याशियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी.

सिंहभूम में गीता कोड़ा और जोबा मांझी में टक्कर, जनता के तराजू में किसका पलड़ा होगा भारी ?
अप्रैल 29, 2024 | 29 Apr 2024 | 9:13 AM

लोकसभा चुनाव 2024 के छठे चरण के मतदान के साथ ही झारखंड में चार चरणों में चुनाव शुरू हो जाएगा. पहले चरण में 13 मई को वोटिंग होगी जिसमें सिंहभूम सहित चार लोकसभा सीटों में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इस दिन सिंहभूम के चुनावी दंगल में एनडीए और इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के बीच महाटक्कर होगी. बता दें, एनडीए की तरफ से गीता कोड़ा जबकि इंडिया गठबंधन की तरफ से जेएमएम प्रत्याशी जोबा मांझी चुनावी दंगल में उतरी है. हालांकि इस लोकसभा सीट में चुनाव के दौरान जनता का तराजू किसके पलड़े में भारी होगा यह तो परिणाम के घोषित होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा.

रांची में News11 Bharat के कैमरे में कैद हुईं बालू के काले खेल से पैसा लेते इटकी थाना प्रभारी की Exclusive तस्वीरें
अप्रैल 27, 2024 | 27 Apr 2024 | 6:53 AM

राजधानी रांची के इटकी में बालू का काला खेल धड़ल्ले से खुलेआम चल रहा है, जिसका वीडियो न्यूज11 भारत के कैमरे में कैद हो गई है. दरअसल रांची के ग्रामीण इलाकों में बड़े-बड़े हाइवा से बालू का अवैध कारोबार चल रहा है.

कई जांच एजेंसियों के रडार पर झारखंड का नया जमीन माफिया विक्की जायसवाल, जिला बदर की तैयारी में प्रशासन
अप्रैल 11, 2024 | 11 Apr 2024 | 1:29 PM

आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर जिला प्रशासन और रांची पुलिस की कड़ी नजर है. आपराधिक गतिविधियों और दागी व्यक्तियों के नामों की लिस्ट में विक्की जायसवाल का नाम भी है जो राजधानी रांची में नया डॉन बन चुका है.

महुआ के 'फूलों की खुशबू' से गरीबों के जीवन में आ रही 'खुशहाली'
अप्रैल 08, 2024 | 08 Apr 2024 | 1:56 AM

हजारीबाग में मार्च महीने के अंतिम सप्ताह में जंगलों में महुआ के फूल गिरने लगते हैं. इन्हें इकट्ठा करने के लिए लोग मार्च से मई महीने में करीब 15 दिनों तक जंगल जाते हैं. इस दौरान महुआ के फूलों को चुनने के लिए पेड़ के नीचे की जमीन को साफ करने के लिए सूखे पत्तों में आग लगा दी जाती है.