कवच, यानी Train Collision Avoidance System से लैस है ट्रेन, नहीं होगी आमने सामने टक्कर
न्यूज11, भारत
रांची: देश को तीसरी स्वदेश निर्मित हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन आज मिल गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधीनगर से मुंबई सेंट्रल के बीच नए और उन्नत संस्करण वाले ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना जरदोष आदि भी उपस्थित थे. प्रधानमंत्री ने ट्रेन की बोगियों को देखा. उसमें मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली.
‘KAVACH’ तकनीक से लैस है वंदे भारत ट्रेन
गुजरात में चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार KAVACH (Train Collision Avoidance System) तकनीक को लॉन्च किया गया. इस तकनीक की मदद से दो ट्रेनों की आमने-सामने से होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा. इस तकनीक को देश में ही विकसित किया गया है जिसके कारण इसकी लागत काफी कम है. केन्द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट में 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में एलान किया गया था.
जाने वंदे भारत ट्रेन क्यों है खास
स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड के नाम से प्रसिद्ध यह ट्रेन 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति मात्र 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती है. इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ-साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी लगे हुए हैं. एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम, और कंट्रोल सेन्टर व मेन्टेनेन्स स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है.
ट्रेन में 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता
वंदे भारत एक्सप्रेस में कुल 1,128 यात्रियों के बैठने की क्षमता है. बता दें कि पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई दिल्ली-वाराणसी मार्ग पर चली थी. वहीं, दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से श्री वैष्णो देवी माता, कटरा रूट पर चलाई गई थी. तीसरी वंदे भारत ट्रेन पहले की वंदे भारत ट्रेनों से अलग होगी. इस नई ट्रेन में यात्री सुविधाओं को देखते हुए कई तरह के परिवर्तन किए गए हैं.