न्यूज11 भारत
भारत दुनिया की उभरती हुई आर्थिक और सैन्य शक्ति है. लेकिन देश के सामने कई चुनौतियों मुंह बाए खड़ी है. इसीलिए भारत लगातार रक्षा मामले में आत्मनर्भर बनने पर जोर दे रहा है. इसी आत्मानिर्भर भारत योजना के तहत भारतीय वायुसेना अपनी ताकत में और भी इजाफा करने पर जोर दे रहा है. आईएएफ (IAF) 114 लड़ाकू जेट हासिल करने की योजना बना रही है. इनमें से 96 का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. जबकि, शेष 18 परियोजना के लिए चुने गए विदेशी विक्रेता से आयात किए जाएंगे.
दुनिया के प्रमुख एयरक्राफ्ट मेन्युफैक्चरर इस टेंडर में हो सकते हैं शामिल
खबरों के मुताबिक भारतीय वायु सेना की 'बाय ग्लोबल एंड मेक इन इंडिया' योजना के तहत 114 मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट (MRFA) प्राप्त करने की योजना है. इसके तहत भारतीय कंपनियों को एक विदेशी विक्रेता के साथ साझेदारी करने की अनुमति होगी. बताया जा रहा है कि बोइंग, लॉकहीड मार्टिन, साब, मिग, इरकुत कॉर्पोरेशन और डसॉल्ट एविएशन सहित दुनिया के प्रमुख एयरक्राफ्ट मेन्युफैक्चरर इस टेंडर में शामिल हो सकते हैं.
भारतीय वायुसेना ने की विदेशी विक्रेताओं के साथ मीटिंग
सूत्रों के अनुसार हाल हीं में भारतीय वायुसेना ने विदेशी विक्रेताओं के साथ मीटिंग की. इस दौरान मेक इन इंडिया परियोजना को अंजाम देने के तरीके के बारे में चर्चा हुई है. बताया गया कि योजना के अनुसार, शुरुआती 18 विमानों के आयात के बाद अगले 36 विमानों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा. इसका भुगतान आंशिक रूप से फॉरेन और इंडियन करेंसी में किया जाएगा. इसके अलावा, अंतिम 60 विमान भारतीय साझेदार की मुख्य जिम्मेदारी होगी तथा सरकार केवल भारतीय करेंसी में भुगतान करेगी. बता दें कि भारतीय मुद्रा में भुगतान से विक्रेताओं को परियोजना में 60 फीसदी से अधिक मेक इन इंडिया सामग्री हासिल करने में मदद मिलेगी.
IAF अपने लड़ाकू जेट्स की जरूरत पूरा करने के लिए कॉस्ट इफैक्टिव सॉल्यूशन की तलाश में है. क्योंकि, वह एक ऐसा विमान चाहती है जिसकी ऑपरेशनल कॉस्ट कम हो और सर्विस ज्यादा मिले.