न्यूज11 भारत
रांचीः देश के कई हिस्सों (राज्यों) में H3N2 वायरस ने पहले ही लोगों को अपनी चपेट में लेने शुरू कर दिए है इस बीच अब कोरोना वायरस के मामले भी लगातार बढ़ते ही जा रहे है. बता दें, देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को लेकर सरकार चिंता में और अब केंद्र सरकार अलर्ट भी हो गई है. पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर आज एक अहम बैठक बुलाई. इस दौरान पीएम ने देश में कोविड19 की स्थिति और सार्वजनिक स्वास्थ्य तैयारियों की समीक्षा की.
तेजी से बढ़ रहे हैं कोरोना के मामले
आपको बता दें, H3N2 और कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र ने पहले ही एडवाइजरी जारी कर दी है. बताया जा रहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट XBB1.16 काफी सक्रिय है और यह लोगों को तेजी से अपनी चपेट में ले रहा है जिसके कारण संक्रमितों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है. आज यानी बुधवार (22 मार्च) को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अपडेट किए आंकड़ों से यह मालूम हुआ कि देश में अबतक कोरोना के नए मामले 1134 नए कोरोनो दर्ज किए गए है. बता दें, देशभर में फिलहाल कुल 7,026 कोरोना संक्रमितों का इलाज किया जा रहा है. इस बीच 5 संक्रमितों की मौत भी हुई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ में 1-1 मौत होने की खबर है. इसके साथ ही केरल में एक अन्य कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हुई है. वहीं कोरोना संक्रमण दर की अगर बात करें तो यह आंकड़ा 1.09% है.
कोरोना के नए वैरिएंट XBB1.16 पर नजर
देश में इस वक्त कोरोना के मामले 7 हजार से अधिक है और इसके लिए पीछे कोविड-19 का नया वैरिएंट XBB 1.16 ही जिम्मेदार है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमिक्रॉन से XBB 1.16 का संबंध है और इस वायरस के तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है. कोरोना के नए वैरिएंट XBB 1.16 का असर कुल 12 देशों में है जिसमें से सबसे अधिक असर (मामले) भारत से सामने आ रहे है. हालांकि इस सब के बीच आपको यह जानने की जरूरत है कि कोरोना के नए वैरिएंट XBB1.16 कितना खतरनाक है. यह अपने पूर्ववर्ती वैरिएंट से तेजी से म्यूटेट करता है और काफी आक्रामक होता है. साथ ही प्रसार भी तेजी से होता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वैरिएंट में तीन स्पाइक म्यूटेशन भी हैं.
किन्हें होगा सबसे अधिक खतरा
इस वैरिएंट का खतरा उन लोगों को अधिक होगा जो पहले से ही किसी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे है, खासतौर से अगर कोई हॉर्ट पेशेंट, लीवर, एचआईवी पॉजिटिव, किडनी की समस्या का सामना कर रहे है तो उन्हें अधिक जोखिम उठाना पड़ सकता है.