सीएम हेमंत सोरेन की महत्वपू्र्ण मांगे इस प्रकार है
1-कुडुख, हो और मुंडारी भाषा को 8वीं सूची में शामिल हो
सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड की तीन भाषाओं कुडुख, हो और मुंडारी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल कराने की मांग रखी है. सूची में शामिल होने से राज्य के आदिवासी व मूलवासी बच्चों को उनकी ही भाषा में शिक्षा मिल सकेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार आदिम जनजाति एवं अनुसूचित जनजाति के भाषा के विकास के लिए राज्य में एकेडमी भी स्थापित करने जा रही है.
2-कोल कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया मिले
सीएम ने केन्द्र सरकार से विभिन्न कोल कंपनियों पर 1.36 लाख करोड़ रुपये बकाया भुगतान राज्य को कराने का आग्रह किया है.
3-खनन में प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस पर पुनर्विचार
राज्य में खनन में प्रोस्पेक्टिंग लाइसेंस प्रक्रिया में परिवर्तन प्रस्तावित किया गया है, जिसके कुछ प्रावधान अल्पाधिकार को बढ़ावा देंते हैं. उन्होंने इस पर पुनर्विचार करने पर बल दिया है.
4-जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण
अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण की मांग की है. सीएम ने कहा कि राज्य में होने वाली नियुक्तियों में आरक्षण बढ़ाने के लिए विधेयक पास कर राज्यपाल के पास भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उस आरक्षण को कुछ आपत्तियों के साथ वापस कर दिया. सरकार आपत्तियों को दूर कर विधेयक पास करने की कार्रवाई कर रही है.
5-वन संरक्षण नियमावली में ग्रामसभा को मिले अधिकार
सीएम ने कहा कि वन संरक्षण नियमावली 2022 का गठन किया गया है जिसमें ग्राम सभा के अधिकार को लगभग खत्म कर दिया गया है. इस पर पुनर्विचार किया जाए, नहीं तो झारखड के आदिवासी और वनवासी धीरे-धीरे पूरी तरह से विलुप्त हो जाएंगे. वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के भी कई प्रावधानों को बदलने की प्रक्रिया चल रही है.
6-नेशनल हाईवे का हो जिर्नोद्धार
राज्य की आठ प्रमुख सड़क कॉरिडोर को नेशनल हाईवे में विकसित करने ल केंद्र सरकार से सहयोग मांगा है. उन्होंने अपने अभिभाषण के माध्यम से जनकल्याण, इंफ्रास्ट्रक्चर, एमएसएमई, रोजगार, महिला सशक्तिकरण, युवा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास के क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया.