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रांची: झारखंड राज्य में पहली बार खेतों में पाइपलाइन से सिंचाई के लिए प्रणाली विकसित होगी. इससे विशेषकर पहाड़ी एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों को सिंचाई आसान हो जाएगी. खेतों तक सिंचाई के लिए पाइप लाइन पहुंचेगा. लिफ्ट सिंचाई योजना को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन काफी गंभीर है. उन्होंने प्रदेश के पहाड़ी एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भूमिगत पाइपलाइन सिंचाई योजना पर काम करने का निर्देश दिया है. जिसके तहत जल संसाधन विभाग ने मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना को धरातल पर उतारने की पहल शुरू दिया है. इस सिंचाई योजना के पूर्ण होने से दुमका के 276 गांव के 22,283 हेक्टेयर खेतों तक सिंचाई के लिए पानी पहुंचेगा.
दुमका जिला में मसलिया एवं रानीश्वर प्रखंड के आंशिक भू-भाग में भूमिगत पाईपलाईन के माध्यम से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने वाली योजना के लिए प्रशासनिक राशि की स्वीकृति मिल गई है. मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना पर कुल 1204.37 करोड़ खर्च होंगे. यह सिंचाई योजना तीन वर्ष में पूरी होगी. सिंचाई योजना का डीपीआर मार्स कंपनी ने सर्वे कर तैयार किया था. डीपीआर पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने अध्ययन पर योजना को धरातल पर उतारने का निर्णय लिया. जल संसाधन सचिव प्रशांत कुमार ने खुद गत वर्ष दुमका जाकर इस योजना के स्थल का निरीक्षण किया था. ग्रामीणों से बातचीत की थी. खेतों तक सिंचाई के लिए पानी कैसे पहुंचेगा, इस विषय पर जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों से बातचीत भी की थी. इस योजना के तहत चार जगह छोटे पंप हाउस भी बनेंगे. पंप हाउस से पानी को लिफ्ट कर आसपास के खेतों तक सिंचाई के लिए पहुंचाया जाएगा.
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मसलिया-रानीश्वर मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के अंतर्गत मुनगुनी ग्राम के समीप नदी के दोनों तरफ बांध निर्मित किया जाएगा. साथ ही जलमग्न क्षेत्र को कम से कम रखते हुए एक बराज का निर्माण किया जाएगा. उसके बाद पंप मोटर से पानी लिफ्ट कर पाईपलाइन के माध्यम से सिंचित क्षेत्र में चक्रवार सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराया जाएगा. किसी कालखंड में अधिक वर्षापात के फलस्वरूप खेतों में जल की आवश्यकता सीमित होने की स्थिति में जल डायवर्ट कर नजदीक के तालाबों को भरने का प्रावधान है. ताकि मवेशियां एवं अन्य कार्यों के लिए ग्रामीणों को तालाब के माध्यम से जल हमेशा उपलब्ध हो सकते. इस योजना को तीन वर्षों में पूर्ण करने का लक्ष्य है. इस योजना से मसलिया प्रखंड के 204 गांव तथा रानीश्वर प्रखंड के 72 गांव के कुल 22,283 हेक्टेयर कृषि भूमि में खरीफ सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.