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किरीबुरुः सारंडा वन प्रमंडल के संलग्न पदाधिकारी आईएफएस प्रजेश कांत जेना को मिली गुप्त सूचना के बाद जेना के नेतृत्व में वन विभाग की जराईकेला की टीम ने सारंडा के दीघा क्षेत्र के जंगलों से लगभग ग्यारह पीस लकड़ी का बोटा (स्लिपर्स), बल्ली एंव साईकल आदि बरामद किया. इस दौरान वन विभाग की कार्यवाही के भय से लकड़ी माफिया भागने में सफल रहें. बरामद लकड़ी की कीमत लगभग 30-40 हजार के करीब की है. इस मामले में आईएफएस प्रजेश कांत जेना ने बताया की अवैध लकड़ी तस्करी को रोकने हेतु डीएफओ चन्द्रमौली प्रसाद के नेतृत्व में सारंडा के विभिन्न क्षेत्रों, खासकर उडी़सा के सीमावर्ती जंगल क्षेत्रों में निरंतर कार्यवाही जारी है और लगातार सफलता मिल रही है. उन्होंने कहा कि लकड़ी माफियाओं के खिलाफ बॉर्डर इलाके में स्पाई नेटवर्क बनाया गया है लेकिन गांव वालों को रोजगार उपलब्ध कराने से इस तस्करी पर पूरी तरह से रोक लगाया जा सकेगा. इसके लिए सीमित संसाधनों के साथ सभी तरह का प्रयास किया जा रहा है.
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उल्लेखनीय है कि लगभग 850 वर्ग किलोमीटर में फैला एशिया का सबसे बडा़ शाल का जंगल सारंडा की सुरक्षा हेतु जितना मैन पावर की जरूरत है उसकी तुलना में काफी कम है. इतने कम मैन पावर के साथ सारंडा जंगल को बचा पाना असंभव है. प्राप्त जानकारी अनुसार सारंडा के चार रेंज में एक ही फूल टाइम रेंजर नियुक्त हैं जो बीमारी की वजह से फिल्ड ड्यूटी करने में असमर्थ हैं. इसके अलावा एसीएफ, रेंजर, फौरेस्टर, क्यूआरटी टीम की बहाली की विशेष आवश्यकता है जो नहीं हो पा रही है. वन विभाग के पास अपना हथियारबंद फोर्स व पर्याप्त मात्रा में पेट्रोलिंग वाहन आदि भी नहीं है जो गंभीर चिंता का विषय है.