न्यूज 11 भारत
रांची: मुद्रास्फीति की चिंताओं पर कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच 22 नवंबर को शेयर बाजार के बेंचमार्क सूचकांकों में 2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई. सेंसेक्स आज सोमवार को 1,170.12 अंक या 1.96% फिसल 58,465.89 और निफ्टी 348.30 अंक या 1.96% गिरकर 17,416.50 पर बंद हुआ. लगभग 842 शेयरों में तेजी आई, 2479 शेयरों में गिरावट आई और 157 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ.
बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, ओएनजीसी, टाटा मोटर्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज निफ्टी पर प्रमुख गिरावट वाले शेयरों में रहे. वहीं भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, पावर ग्रिड और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज में तेजी आई.
सभी सेक्टरों में आई गिरावट
सभी सेक्टोरल इंडेक्स कमजोरी के साथ बंद हुए. रियल्टी, हेल्थकेयर, ऑटो, ऑयल एंड गैस और पीएसयू बैंक इंडेक्स में 2-4 फीसदी की गिरावट आई. इतना ही नहीं बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप में 2-3 फीसदी की गिरावट रही. अब जानते हैं कि वे क्या कारण हैं, जिनके चलते शेयर बाजार में इतनी अधिक गिरावट आई.
मीडिया में जारी रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रिया ने कहा कि वह लॉकडाउन को फिर से शुरू करेगा और फरवरी से वैक्सीनेशन को अनिवार्य कर देगा. ऐसा नए कोरोना मामलों के कारण किया गया है. जर्मनी, स्लोवाकिया, चेक गणराज्य और बेल्जियम सहित अन्य देश भी इसी तरह के उपाय कर रहे हैं.
उम्मीद से पहले दरों में बढ़ोतरी
मीडिया में जारी रिपोर्ट के अनुसार बुंडेस बैंक के अध्यक्ष जेन्स वीडमैन ने शुक्रवार को यूरोपीय सेंट्रल बैंक की आधिकारिक लाइन का सार्वजनिक रूप से खंडन किया और चेतावनी दी कि मुद्रास्फीति कुछ समय के लिए 2 प्रतिशत से ऊपर रह सकती है और ईसीबी को कैश के लिए किसी भी प्रतिबद्धता से बचना चाहिए. ऐसे में दरों में बढ़ोतरी हो सकती है.
अमेरिका सहित कई उपभोक्ताओं ने अपने तेल रिजर्व को रिलीज किया है. उन्होंने ऐसा कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए किया है. इससे तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जो इस साल मुद्रास्फीति में उछाल का एक प्रमुख कारण रहा है.
स्मॉल और मिड कैप में गिरावट
स्मॉल और मिड कैप में गिरावट से भी पूरे बाजार पर निगेटिव असर पड़ा है. आज निफ्टी स्मॉलकैप 0.84 फीसदी गिरा जबकि निफ्टी मिडकैप 0.83 फीसदी गिरा. एनएसई पर सबसे बड़ा सूचकांक निफ्टी 500 0.58 फीसदी नीचे आया.