NEWS11 स्पेशलPosted at: नवम्बर 29, 2021 हाईकोर्ट ने लगाई बीएयू को फटकार, कहा- बीएयू जैसे संस्थान से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती
High court- कोर्ट में याचिका दायर करने वालों से काम नहीं लेना अवमानना के समान
न्यूज़11 भारत
रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने बीएयू (बिरसा कृषि विश्वविद्यालय) में असिस्टेंट प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक के पद पर नियुक्ति के मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कोर्ट में याचिका दायर करने वालों से काम नहीं लेना अवमानना के समान है. बीएयू जैसे संस्थान से ऐसी अपेक्षा नहीं की जा सकती. इसके बाद अदालत ने इस मामले में बीएयू से जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी.
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार व अधिवक्ता चंचल जैन ने अदालत को बताया कि प्रार्थी वर्ष 2015 से ही संविदा के आधार पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर सह कनीय वैज्ञानिक के पद पर काम कर रहे हैं. हाईकोर्ट ने नई नियुक्ति के लिए जारी विज्ञापन पर पूर्व में रोक लगा दी थी. इसके बाद प्रार्थियों का संविदा पर काम करने की अवधि 16 नवंबर को समाप्त हो गई. ऐसे में हाईकोर्ट की रोक के बाद वैसे लोगों से काम नहीं लिया जा रहा है, जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है. जबकि उन लोगों से अभी भी काम लिया जा रहा है, जो हाईकोर्ट नहीं गए थे.