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रांची: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा (स्नातक संचालन संशोधन नियमवाली)-2021 को चुनौती देने वाली याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में 1 दिसंबर को सुनवाई होगी.
प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार की ओर से अदालत से विशेष सुनवाई का आग्रह किया गया था. प्रार्थी कुशल कुमार व रमेश हांसदा की ओर से इसको लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में कहा गया है कि नई नियमावली में राज्य के संस्थानों से ही 10वीं और प्लस टू की परीक्षा पास करने को अनिवार्य किया जाना संविधान की मूल भावना और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. वैसे अभ्यर्थी जो राज्य के निवासी होते हुए भी राज्य के बाहर से पढ़ाई किए हों, उन्हें नियुक्ति परीक्षा से नहीं रोका जा सकता है.
वहीं, इसके अलावा 14 स्थानीय भाषाओं में से हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया गया है, जबकि बांग्ला, उर्दू और उड़िया सहित 12 स्थानीय भाषाओं को रखा गया है. नई नियमावली में संशोधन कर क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं की श्रेणी से हिंदी और अंग्रेजी को बाहर कर दिया गया है, जबकि उर्दू, बांग्ला और उड़िया को रखा गया है.