रांचीः एक ओर 19 सितंबर को प्रीलिम्स परीक्षा को लेकर आयोग तैयार है, तो वहीं दूसरी ओर कट आफ डेट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चार SLP दायर किया गया था. प्रार्थी रीना कुमारी, अमित कुमार एवं अन्य के द्वारा एसएलपी दायर किया किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता रोहित राठी एवं झारखंड सरकार के पूर्व महाधिवक्ता अजित कुमार के द्वारा वीडियो कान्फ्रेन्सिग के माध्यम से जस्टिस मि.शाह एवं एएस बोपन्ना के बेंच मे सुनवाई होगी. बता दें कि हाईकोर्ट के डीबीजन बेंच ने गत दिनों प्रार्थियों की याचिका को खारिज कर दिया था इसके पश्चात सुप्रीम कोर्ट मे मामला दायर किया जाता है.
बता दें कि बीते 25 अगस्त को चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने प्रार्थियों की अपील यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि उम्र की सीमा निर्धारण करना सरकार का अधिकार है. इसलिए एकल पीठ के आदेश में हस्तक्षेप करने की आवश्यकता नहीं है. रीना कुमारी सहित अन्य ने सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि जेपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए फरवरी 2020 में विज्ञापन जारी किया था. इसमें उम्र की सीमा एक अगस्त 2011 (अलग-अलग कैटेगरी और आरक्षण के हिसाब से) रखी गई थी, लेकिन बाद में सरकार ने नियुक्ति के विज्ञापन को रद्द कर दिया.
इसके बाद सरकार ने जेपीएससी परीक्षा के लिए नियमावली बनायी और विज्ञापन जारी किया. इसमें उम्र सीमा एक अगस्त 2016 कर दी है. जबकि यह परीक्षा वर्ष 2017-18-19-20 के रिक्त पदों के लिए है. नियमानुसार प्रत्येक साल सिविल सेवा की परीक्षा ली जानी चाहिए, लेकिन जेपीएससी ने चार साल के रिक्त पदों पर नियुक्ति के लिए एक साथ ही विज्ञापन जारी किया है. ऐसा करने से कई वैसे अभ्यर्थी वंचित हो गए, जिन्हें पहले विज्ञापन से आवेदन करने की उम्मीद थी.