NEWS11 स्पेशलPosted at: मई 24, 2022 सुप्रीम कोर्ट ने खान आवंटन और शेल कंपनियों के मामले में क्या कहा, जानें
न्यूज11 भारत
रांचीः सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को न्यायमूर्ति जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़ और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ खान आवंटन और शेल कंपनी मामले पर सुनवाई हुई.
- सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को आदेश दिया की सोरेन के खिलाफ दाखिल की गई जनहित याचिका की विश्वसनीयता की जांच करें
- सोरेन के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है जिसमे सोरेन और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए है। आरोप मनरेगा के फंड और खदान के आवंटन से जुड़े है। ई डी ने इन मामलों की जांच रिपोर्ट हाई कोर्ट में जमा की है जिसको हाई कोर्ट देख रहा है।
- झारखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर तीन मुद्दों पर अदालत का ध्यान आकर्षित किया है।
- झारखंड हाई कोर्ट इस जनहित याचिका में इतनी दिलचस्पी दिखा रही है की अवकाश में भी मामले की सुनवाई की जा रही है। दूसरी बात ये कि ई डी सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल कर रही है और उसकी जानकारी सोरेन या राज्य सरकार को नहीं दी जा रही।
- तीसरी और सबसे अहम बात ये की इस मामले में जनहित याचिका दाखिल करने वाले याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा की मंशा सही नहीं है। उन्होंने पहले भी सोरेन के खिलाफ कई जनहित याचिका दाखिल की थी जिसे खारिज कर दिया गया था और उन पर फर्जी याचिका दाखिल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया गया था।
- झारखंड सरकार का कहना है की ये याचिकाकर्ता राजनीतिक मंशा से याचिका दाखिल करते है। ये जनहित याचिका नियम के मुताबिक नहीं है। ये याचिका जनहित याचिका का दुरुपयोग है। इसलिए हाई कोर्ट पहले ये जांच करे की ये जनहित याचिका कितना प्रमाणिक या विश्वसनीय है और ये सुनने के लायक है भी या नहीं।
- सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड सरकार की ये दलील स्वीकार करते हुए झारखंड हाई कोर्ट को पहले इस बात पर सुनवाई करने का आदेश दिया की ये याचिका जनहित याचिका के दायरे में आती है या नहीं। और क्या ये याचिका सुनने के लायक भी है या नहीं। उसके बाद ये देखा जायेगा की जनहित याचिका में लगाए गए आरोपों की जांच होगी या नही।