झारखंड » हजारीबागPosted at: मई 07, 2024 हजारीबाग: ग्रामीण इलाको में जंगली हाथियों का आतंक बरकरार , रातभर जमकर मचाया तांडव
चुरचू व आंगों पंचायत के कई घरों को पुरी तरह से किया बर्बाद, किसी का तरबूज तो किसी का आम बगान , केला तो किसी का घर का अनाज चट कर गया हाथियों का झुंड
प्रशांत शर्मा/न्यूज़11 भारत
हजारीबाग/डेस्क:हजारीबाग जिला के चुरचू प्रखंड के पूर्वी व पश्चिमी वन क्षेत्र में पिछले दो दिनों से जंगली हाथियों का झुंड जमकर तांडव व उत्पात का कहर बरपाया है. लाखो की संपति को पूरी तरह से तहस नहस कर डाला है. वन विभाग की लापरवाही कहे या फिर विभाग की उदासीनता जिसका दंश आज आम जनता विगत दो महीने से पूरी तरह से झेल रहा है और वन विभाग किसी तरह की कोई सुध तक नही ले रही है. चाहे हम वन क्षेत्र पूर्वी की बात करे या फिर पश्चिमी वन क्षेत्र की बात दोनो पूरी तरह से शिथिल है. स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा दूरभाष पर सूचनार्थ करने के बाद भी विभाग की तरह से कोई पहल नही किया जा रहा है. हाथियों का झुंड विगत कई दिनों से इसी इलाके में विचरण कर रहा है और लोगों का खूब नुकसान भी पंहुचा रहे है. मांडू रेंज के चरही बीट वन क्षेत्र के गोंदवार गांव में विगत तीन दिनों से हाथी का झुंड छतरबारा के आसपास बसेरा डाले हुआ था लेकिन विभाग झांकने तक नही आया. सोमवार की शाम से ही गांव में लगभग एक एकड़ में लगे तरबूज की खेती को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया. ग्रामीणों के द्वारा किसी तरह आग व पटाखा जलाकर किसी तरह भगाने का प्रयास किया तो बोदरा गांव के आसपास भोंडा टोंगरी के जंगल में घूस गया और बगल में लगे तरबूज की खेती को रौंद डाला. वही आंगो बीट वन क्षेत्र के चुरचू गांव में हाथियों का एक झुंड चुरचू थाना के बगल से रूपलाल यादव के लगे फसल व आम के बगवानी को पूरी तरह से रौंद डाला. वही थाना के पीछे शंकर साव के खीरा व अन्य फसल को बर्बाद कर दिया तो खेती व केला को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया. नरेश राम का चाहर दिवारी साथ ही बहेरा टोला में महेंद्र राम के घर को तोड़ फोड़ कर दिया तो घर में रखे अनाज को चट कर डाला. पहलीबार हाथियों का झुंड पूरा चुरचू गांव को घेराबंदी कर डाला. बुजुर्गो की माने तो इतिहास के अबतक गांव में हाथी नही घुसा था लेकिन पहलीबार चुरचू गांव को चारो तरफ से घेर डाला. बताते चले की हाथियों की संख्या कुल 28 है जिसमें चार छोटे गजराज है तो एक काफी विशाल है जो सबसे पीछे रहता है.जबतक पीछे वाला हाथी नही चलता है तबतक सभी एक ही स्थल पर डटे रहते है .मानो तो हाथियों का दंगल का सरदार बूढ़ा हाथी को बताया जा रहा है. जिसका दांत भी काफी बड़ा बड़ा है और काफी बुजुर्ग देखने जैसा लगता है. बताते चले की जंगली हाथियों का झुंड वही वही जा रहा है जहां पिछले वर्ष गया हुआ था. इसके कारण कई का घर नुकसान हो रहा है तो कई का फसल बर्बाद हो जा रहा है. जिसके कारण लोगो के समक्ष भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है. वन विभाग के द्वारा पिछले वर्ष की नुकसान का क्षतिपूर्ति अभीतक भरपाई हुआ नही था की दुबारा फिर उसी सब का फिर से नुकसान कर देने से भुक्तभोगी का कमर पूरी तरह से टूट गया है.
क्यों भटक रहा है हाथियों का झुंड
वन विभाग की माने तो जंगली हाथियों का भटकना आम बात हो गया है. सबसे पहले स्थानीय लोगो के द्वारा जंगल में आग लगाना , महुआ की महक व जलस्रोत का कम होना , जंगल की कटाई करना मुख्य वजह है जिसके कारण जंगली हाथी इधर से उधर भटकने को मजबूर है. आमजन को जंगली हाथियों से बचने की जरूरत है.ताकि किसी तरह का कोई बड़ी घटना वारदात न हो सके. समाचार लिखे जाने तक हाथियों का झुंड लारा गांव के आसपास बालीडीह के जंगल में बसेरा डाला हुआ है.