रांची: भारतीय टीम के फिरकी गेंदबाज हरभजन सिंह ने हाल ही में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास की घोषणा की थी. टर्बिनेटर नाम से प्रचलित हरभजन वर्ष 2011 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे, लेकिन इसके बाद वह टीम से लगातार अंदर-बाहर होते रहे. 2011 वर्ल्ड कप के बाद उन्होंने कुल मिलाकर भारत के लिए 10 टेस्ट और 10 ही वनडे इंटरनेशनल मैच खेले. टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह क्रिकेट छोड़ने के बाद खुलकर सामने आए हैं और उन्होंने एक के बाद एक जमकर खुलासे किए हैं. उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरभजन के मुताबिक उन्हें बिना कोई कारण बताए भारतीय टीम से बाहर किया गया था.
पूर्व भारतीय ऑफ स्पिनर ने 1998 में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था. उन्होंने 103 टेस्ट, 236 वनडे और 28 टी20 इंटरनैशनल मैच खेले. हरभजन सिंह काफी समय तक भारतीय टीम के नंबर वन स्पिनर रहे. लेकिन साल 2011 के वर्ल्ड कप के बाद टीम में उनकी जगह पक्की नहीं रही. इसके बाद उन्होंने भारत के लिए बहुत कम मैच ही खेले. 2013 चैंपियंस ट्रॉफी की टीम से उन्हें ड्रॉप कर दिया गया था. वह 2015 वर्ल्ड कप की टीम का भी हिस्सा नहीं थे. हालांकि 2016 में भारत में हुए टी20 वर्ल्ड कप के लिए उन्हें भारतीय टीम में शामिल किया गया था लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं दिया गया था.
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कोई जवाब नहीं मिला
भज्जी ने कहा, 'मैंने कप्तान धोनी से इसको लेकर सवाल करने की कोशिश की थी, लेकिन मुझे जवाब नहीं मिला. फिर मुझे समझ में आया कि कोई पॉइंट ने इस तरह के बर्ताव को लेकर बार-बार सवाल करने का अगर सामने से जवाब ना आ रहा हो. ऐसी स्थिति में आपको सवाल करना छोड़ देना चाहिए.' हरभजन सिंह 2011 वर्ल्ड कप फाइनल के बाद टीम में चुने तो गए, लेकिन प्लेइंग XI में उन्हें कम ही बार खेलने का मौका मिला.
ये आरोप लगाए
हरभजन सिंह ने कहा, '400 विकेट वाले किसी खिलाड़ी को कैसे आउट किया जा सकता है. यह अपने आप में एक रहस्यमयी कहानी है, जो अभी तक सामने नहीं आई है. मुझे अभी भी आश्चर्य है, वास्तव में क्या हुआ? मेरे टीम में बने रहने से किसे दिक्कत थी?'