न्यूज11 भारत
रांची: ट्रेन यात्रा शुरू करने से पहले रेलवे के नए नियम से अवगत हो जाइए. अगर आप नए नियम के अनुसार यात्रा नहीं करते है, तो संभव है कि आपकी सीट पर कोई दूसरा पैसेंजर बैठा मिले. वहीं दूसरी तरफ अब टीटीई को चार्ट के झंझट से छुटकारा मिल गया है. वह यात्रा के दौरान अपने किसी को भी कंफर्म सीट उपलब्ध नहीं करा पाएंगे. यह सिस्टम ऑनलाइन चलेगा. बता दें, आपकी यात्रा जिस स्टेशन से शुरू होने वाली है, आपको उसी स्टेशन पर सवार होकर अपनी सीट पर बैठना होगा. अगर आप अगले स्टेशन पर चढेंगे, तो आपकी सीट दूसरे को अलॉट कर दी जाएगी. हां, रेलवे ने हैंड हेल्ड टर्मिनल टैबलेट के जरिए सर्वर से ऑनलाइन व्यवस्था शुरू कर दी है.
हैंड हेल्ड टर्मिनल टैबलेट सिस्टम के तहत यह दर्ज होगा कि यात्री बोडिंग स्टेशन पर सवार हुआ या नहीं. अगर सवार नहीं हुआ होगा, तो उसकी सीट सीट आरएसी या फिर वेटिंग लिस्ट के यात्री को अलॉट हो जाएगी. रेलवे अफसरों के अनुसार रांची-नई दिल्ली राजधानी, रांची-हावड़ा शताब्दी एक्सप्रेस, हटिया-दुर्ग एक्सप्रेस, हटिया-हावड़ा क्रियायोग एक्सप्रेस और रांची-हावड़ा इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेनों में हैंड हेल्ड टर्मिनल टैबलेट सिस्टम शुरू कर दी गई है.
यात्री चार्ट की नहीं होगी सुविधा
नए नियम से पहले टीटीई ट्रेन में चार्ट लेकर घूमते थे. यदि बोर्डिंग स्टेशन पर यात्री नहीं आया है तो वह एक दो स्टेशन इंतजार करते थे. उसके बाद यदि वह नहीं आता था तो वह मन चाहे यात्री को सीट अलॉट कर देते थे. सीट के लिए यात्रियों को मिन्नत के साथ-साथ अधिक पैसे भी देने पड़ते थे.
अब ट्रेन में वेटिंग सिस्टम नहीं
रेलवे के मुताबिक यदि किसी ट्रेन में आरएसी और वेटिंग लिस्ट नहीं है और सीट खाली है तो ऐसे में जनरल टिकट के यात्री का टीटीई रसीद बनाकर उस पेपर को टैबलेट के ईएसटी आप्शन में फीड सीधे सर्वर में भेज देगा. उसके बाद यात्री को सीट अलॉट हो जाएगी.
ऐसे समझे क्या है हैंड हेल्ड टर्मिनल
मशीन आई पैड साइज की डिजिटल डिवाइस है. इसमें यात्रियों का रिजर्वेशन चार्ट उपलब्ध रहेगा. मशीन जीपीआरएस के जरिए यात्री आरक्षण प्रणाली केंद्रीय सर्वर से जुड़ी रहती है. इसलिए जहां भी स्टेशन पर ट्रेन रुकती है, टिकटों की बुकिंग का विवरण अपडेट हो जाता है.