स्पोर्ट्स डेस्क/न्यूज11 भारत
रांची: छोटानागपुर एथलेटिक्स एसोसिएशन (सीएए) की ओर से हटिया रेलवे ग्राउंड में सीएए सीनियर डिवीजन रांची फुटबॉल लीग का शानदार आगाज हुआ. कोविड-19 में 2 साल लीग नहीं हो पाया था. उद्वघाटन मुकाबला आदिवासी सुख शांति क्लब ब्राम्बे और स्पोर्टिंग यूनियन के बीच कजेल गया. शुरुआत से ही दोनों टीमों ने अटैकिंग खेल खेलना शुरू किया. 5वें ही मिनट में ब्राम्बे के संदीप ने तेज शॉट पर गोल कर टीम को 1-0 से आगे कर दिया. इस गोल के बाद स्पोर्टिंग के भी खिलाड़ियों ने जोरदार हमला करना शुरू किया. लेकिन पहले हाफ के खेल खत्म होने तक ब्राम्बे की टीम अपनी बढ़त बनाई रखी. दूसरे हाफ के खेल में स्पोर्टिंग के खिलाड़ियों को गोल करने के कई मौके मिले. लेकिन गोल नहीं कर सके. वहीं, ब्राम्बे के खिलाड़ियों ने डिफेंसिनग खेल खेला और स्पोर्टिंग के खिलाड़ियों को चलने नहीं दिया. अंत तक ब्राम्बे की टीम बढ़त बनाई रखी और मैच 1-0 से जीत लिया. ब्राम्बे के स्टार खिलाड़ी साहिल को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया. दूसरा मैच हटिया बॉयज और अमर भारती के बीच खेला गया. निर्धारित समय तक दोनों ही टीमें कोई गोल नहीं कर सकी और आपस मे अंक बांटने में मजबूर हुई.
इस मैच के मैन ऑफ द मैच हटिया बॉयज के तरुण मुर्मू को दिया गया. इससे पहले लीग मैच का उद्वघाटन जेएमएम के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने खिलाड़ियों से हाथ मिलाकर किया. मौके पर जेएमएम के रांची जिला अध्यक्ष मुश्ताक आलम, झारखंड कांग्रेस कमिटी के महासचिव विनय सिन्हा दीपू, जेके इंटरनेशनल ग्रुप के चेयरमैन जितेंद्र सिंह, ग्लोबल डेवलपर्स के डायरेक्टर फिरोज दिलावर खान, स्टार वारियर फुटबॉल अकादमी के रमा तिर्की, सीएए के महासचिव आसिफ नईम, ओम प्रकाश ठाकुर, अशोक कुमार, लाल आरएन नाथ शाहदेव, आरके सेनापति सहित कई लोग शामिल थे.
झारखंड की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले जयपाल सिंह मुंडा ने बनाई: सुप्रियो भट्टाचार्य
मुख्य अतिथि जेएमएम के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे पहले जयपाल सिंह मुंडा ने बनाई. उसके बाद कई खिलाड़ियों ने इस राज्य का मान सम्मान भारत ही नहीं विदेशों में भी बढ़ाया. उन्होंने कहा कि खेलकूद अनुशासन का पाठ पढ़ाता है. खेल में ना कोई जाति होती है ना कोई धर्म न कोई भाषा, खेल का धर्म ही खेल है. खिलाड़ियों को चाहिए कि वे खेल को रोजगार का साधन बनाकर खेले. झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने कई खिलाड़ियों को नौकरी दी. सरकार आगे भी खिलाड़ियों को सही मंच प्रदान करना चाहती है. आने वाले समय में खेल की आधारभूत संरचनाओं को झारखंड में और भी मजबूत किया जाएगा. झारखंड की पहचान पूरे विश्व में खेल से होने लगी है.